रांची में खुला मॉडर्न बालमित्र थाना, बच्चों को गलत रास्ते पर जाने से रोकेगी पुलिस
-बच्चों के अनुकूल बनाया गया थाना दीवार पर कार्टून और कानून की जानकारियां -एसएसपी ने कि
-बच्चों के अनुकूल बनाया गया थाना, दीवार पर कार्टून और कानून की जानकारियां
-एसएसपी ने किया उदघाटन, बोले बच्चों को सुधरा मुख्य उद्देश्य
जागरण संवाददाता, रांची : रांची के बच्चों की कदम अपराध की ओर न बढ़े, इसके लिए मॉडर्न बालमित्र थाना की शुरुआत की गई है। यहां बच्चों को आपराधिक प्रवृत्ति से बचाने और अपराध की दुनिया में कदम रखने से बचाने के लिए काउंसिलिग की जाएगी ताकि उन्हें राह भटकने से रोका जा सके। कोतवाली थाना परिसर स्थित पुराने थाने को ही बालमित्र थाने के रूप में विकसित किया गया है। इस बालमित्र थाने को बच्चों के अनुकूल बनाया गया है। पूरे थाना परिसर को कार्टून के जरिये सजाया गया है साथ ही बच्चों को लेकर बने कानून की जानकारी भी दीवारों पर लिखी गई है। बालमित्र थाने का उदघाटन रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने गुरुवार को किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अपराध की राह पर चलने को आतुर हो रहे बच्चों को सुधार कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाना बाल मित्र थाने का उद्देश्य है। ऐसे बच्चों को अपराध की श्रेणी से भी अलग रखा जाएगा। बाल मित्र थानों में बच्चों की काउंसिलिग भी होगी। यहां बच्चों को घर जैसा माहौल मिलेगा, जिससे बच्चे अपने साथ हुए अन्याय या दुख-तकलीफ बिना किसी संकोच के बता सकेंगे।
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ये होगी बालमित्र थाने की विशेषता :
बाल मित्र थाने में चाइल्ड फ्रेंडली माहौल रहेगा। पुलिसवाले सादे लिबास में रहेंगे, साथ ही ऑन कॉल काउंसिलर भी उपलब्ध रहेंगे। पूछताछ या काउंसिलिग के समय बच्चों के साथ अनावश्यक लोग नहीं रहेंगे। स्वास्थ्य, मनोरंजन की भी व्यवस्था रहेगी। बाल मित्र थाने में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड से संबंधित पद धारकों के नंबर भी अंकित किए गए हैं।
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शोषण के शिकार बच्चों को मिलेगा घर जैसा माहौल :
आमतौर पर बाल मजदूरी या फिर मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए बच्चों को सीधे सीडब्ल्यूसी या फिर थाने ले जाया जाता है। लेकिन अब वैसे बच्चों को बालमित्र थाना लाया जाएगा और उन्हें वहां पारिवारिक माहौल में काउंसिलिग कर एक-दो दिनों बाद आश्रय गृह भेजा जाएगा। गौरतलब है कि 'बचपन बचाओ आंदोलन' के अंतर्गत यह पुलिस स्टेशन तैयार किया गया है। उक्त पुलिस स्टेशन में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को तय समय में इंसाफ मिले।
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क्या होगा थाने का कार्य
- अनजाने में चोरी करने वाले बच्चे को दो से तीन बार समझाया जाएगा।
- इसके बावजूद नहीं मानने पर केस होगा और बाल अपराधी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के निर्णय के बाद बाल सुधार गृह भेजा जाएगा।
- केस के अनुसंधानकर्ता इस तरह केस डायरी लिखेंगे कि बाल अपराधी को कम से कम दिनों के लिए सजा हो।
- शोषण के शिकार बच्चों को दिया जाएगा घर जैसा माहौल।
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उद्घाटन में व्यस्त रही पुलिस, तीन घंटे तक नहीं सुनी गई फरियाद :
इधर, बाल मित्र थाने के उद्घाटन में कोतवाली थाने की पुलिस इस कदर व्यस्त रही कि एक पीड़ित की गुहार को अनदेखा किया गया। मारपीट में घायल को तीन घंटे तक पुलिस ने बैठाकर रखा। दरअसल, क्षेत्र स्थित जिला स्कूल मैदान के पीछे गुरुवार की सुबह स्कूटी सवार दो बदमाशों ने शम्स मेराज नाम के युवक को मारकर सिर फोड़ दिया था। पीड़ित युवक अस्पताल से इलाज कराने के बाद न्याय की गुहार लगाते हुए कोतवाली थाना पहुंचा था। थानेदार सहित अन्य ओडी पदाधिकारी उदघाटन के कार्यक्रम में व्यस्त रहे। पीड़ित शम्स मेराज ने बताया कि वह सुबह 11 बजे से थाना परिसर में बैठा रहा। लेकिन आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की गई। लगभग दो बजे ड्यूटी पर आए एक दारोगा ने पीड़ित को अपने पास बुलाया और उससे आवेदन लिखवाना शुरू किया।
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