झारखंड के विधायक बोले, किस मुंह से मांगने जाएंगे वोट- पब्लिक बहुत मारेगी
Jharkhand Assembly Budget Session. भानु प्रताप शाही ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान कहा कि राज्य में सड़कों की हालत खराब है। वे लोग किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य की निर्माणाधीन कई सड़कों की गुणवत्ता पर विधायकों ने गंभीर सवाल खड़ा किए। विधायक शिवशंकर उरांव ने इस बाबत सदन का ध्यान दिलाया था। उन्होंने कहा कि गुमला नगर के बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग-43 गुजरता है। बाइपास बनाने के लिए 2016 में निर्माण शुरू हुआ। 36 माह के बाद भी सड़क का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। सड़क का निर्माण कार्य मेसर्स संजय अग्रवाल, रायपुर के नाम पर आवंटित है। इसका काम नितांत घटिया है। आसन गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमेटी बनाए।
इसपर मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार टेंडर का विखंडन कर काम कराएगी। इसपर उरांव ने पूछा कि संजय अग्रवाल को इतना संरक्षण क्यों मिल रहा है? इसपर राधाकृष्ण किशोर ने पूछा कि ये संजय अग्रवाल कौन है, ये पाटिल कौन है? संजय अग्रवाल पलामू में भी काम कर रहा है। चार एक्सटेंशन मिल चुका है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार के हाथ में अधिकारी नहीं खेलें।
भानु प्रताप शाही भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए। कहा, पाटिल कंस्ट्रक्शन उनके क्षेत्र में काम कर रहा था। उसने सड़क का निर्माण किए बगैर पूरी राशि निकाल ली। 80 करोड़ की योजना को बढ़ाकर 200 करोड़ करवा ली। राज्य में ठेकेदार बेलगाम हो रहे हैं। हमलोग वोट मांगने लायक नहीं हैं। पब्लिक बहुत मारेगी। हटिया के विधायक नवीन जायसवाल ने पूछा कि सरकार बस इतना बता दे कि एनएच का कंट्रोलिंग अफसर कौन है। नगड़ी में काम करने वाला झारखंड के कंट्रोल में नहीं है। ये उल्टी गंगा बहा रहे हैं। सारा गंदा पानी हटिया में ठेल रहे हैं। पूछने पर बताते हैं कि नगर विकास मंत्री ने कहा है कि गंदा पानी हटिया में डालो। क्या हटिया इतना घटिया है?
पीएमजीएसवाई सड़कों का मामला उठाया कुणाल षाडंगी ने : बहरागोड़ा के विधायक कुणाल षाडंगी ने प्रधानमंत्री ग्र्रामीण सड़क योजनाओं का मामला उठाया। मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि पहली बार इस योजना के रिपेयङ्क्षरग हेड में पैसा मिला है। इनकी दो सड़कों की मरम्मत के लिए 25 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। विधायक ने बताया कि पांच सड़कों की स्थिति जर्जर है। इसके अलावा एनएच-33 के मोटेल चौक से पाथरा एवं महुली चौक से भालुक खुलिया तक की सड़कें आवागमन के लायक नहीं है।
बीएसएल के विस्थापितों की जमीन लौटाए सरकार : बोकारो के विधायक विरंची नारायण ने शुक्रवार को ध्यानाकर्षण के जरिए बीएसएल, डीवीसी, बीसीसीएल, टीवीएनएल, सीसीएल से विस्थापन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सिंचाई योजनाओं से भी बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। लाखों परिवारों को पुनर्वास, नौकरी और मुआवजा नहीं मिल पाया है। विस्थापित परिवार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विस्थापित आयोग बनाए। मंत्री अमर कुमार बाउरी ने भरोसा दिलाया कि विस्थापन के मामले काफी जटिल हैं। इसे स्पीड अप करेंगे। सरकार लोगों को जमीन का मालिकाना हक देगी। विरंची नारायण इसपर संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि वे विस्थापित आयोग बनाने की मांग वापस लेते हैं। सरकार सभी विस्थापितों को जमीन वापस करे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी बैठक की जानकारी नहीं दी जाती है।