Ranchi RIMS: महिला डाक्टर से गलत व्यवहार... जूनियर डाक्टर से भिड़े एनआइए जवान... वीडियो बनाने का आरोप
NIA vs Ranchi RIMS रांची रिम्स में यह घटना सामने आई है। एनआइए जवानों पर महिला डाक्टर का हाथ मरोड़ने और रिम्स अधीक्षक से बदतमीजी करने का आरोप है। जवान कैदी वार्ड में पहुंचे थे। बातचीत के क्रम में बनाया वीडियो तो डाक्टरों ने मोबाइल छीना लिया।
रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रांची रिम्स में फिर हंगामा हो गया है। इस बार मामला डाक्टर और देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआइए के बीच का है। रविवार को एनआइए के चार जवान रांची रिम्स के कैदी वार्ड में एक कैदी के इलाज को लेकर जूनियर डाक्टरों से भिड़ गए। महिला जूनियर डाक्टर ने प्रबंधन से शिकायत की है कि जवानों ने उसके साथ बदतमीजी की। उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया। इसकी शिकायत प्रबंधन ने बरियातू थाना प्रभारी को फोन पर की। सोमवार को प्रबंधन की ओर से थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराने की कवायद जारी है। उधर, एनआइए के जवानों ने डाक्टरों पर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया है। कैदी के इलाज में सहयोग नहीं करने की बात कही है।
रिम्स अधीक्षक से भी की ऊंची आवाज में बात
अधीक्षक डा हीरेन बिरुआ ने बताया कि एनआएए जवानों ने महिला डाक्टर के साथ गलत व्यवहार किया है। महिला डाक्टर का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया। इसके बाद जूनियर डाक्टरों ने इसकी लिखित शिकायत की है। एसएसपी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। बताया कि जवानों का व्यवहार ही सही नहीं था। जब वह मामले को शांत कराने पहुंचे तो उन लोगों ने उनसे भी ऊंची आवाज में बात की। इतना ही नहीं जिन जूनियर डाक्टरों के साथ यह घटना घटी, उस वक्त मेडिसिन विभाग के डा जी मांझी खुद मौजूद थे, जिनकी यूनिट में जूनियर डाक्टर काम कर रहे थे। लेकिन यूनिट हेड के सामने ही इस तरह की घटना दुखद है।
25 लाख के उग्रवादी को लेकर पहुंचे इलाज को
बताया जा रहा कि एनआइए के अधिकारी शनिवार शाम को ही हजारीबाग जेल से उग्रवादी राधेश्याम का इलाज कराने के लिए रांची रिम्स पहुंचे थे। राधेश्याम उर्फ विमल यादव भाकपा माओवादी का 25 लाख का इनामी है। कुछ दिन पहले राधेश्याम ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था, जिसके बाद एनआइए ने उसे पांच दिनों के लिए रिमांड पर ले रखा है। उससे पूछताछ की जा रही है। उसका इलाज रांची रिम्स के कैदी वार्ड में चल रहा है।
हर घंटे बीपी जांच करने की बात पर भिड़ंत
डा हीरेंद्र बिरुआ ने बताया कि एनआइए जवानों ने कैदी वार्ड की ऑन ड्यूटी नर्स से बीपी जांच करने की बात कही। नर्स ने कहा कि वह वार्ड में अकेली है। इस बीच जूनियर डाक्टर राउंड लगा रहे थे। इसी बीच डाक्टरों ने जब जवानों को समझाना चाहा तो जवानों ने मोबाइल से रिकार्डिंग शुरू कर दी। इसे बंद करने को कहा गया। डाक्टरों ने मोबाइल छीन लिया। इसी क्रम में जवानों ने महिला डाक्टर का हाथ पकड़ लिया। हंगामा शुरू हो गया। बाद में प्रबंधन की ओर से मोबाइल वापस कर दिया गया।
कैदी वार्ड पहुंच कर हुई पूछताछ
घटना की जानकारी मिलने पर रांची रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक दल-बल के साथ कैदी वार्ड पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचकर करीब आधे घंटे तक ड्यूटी पर तैनात नर्स और यहां पर तैनात जवानों से पूछताछ की। बातचीत के बाद उन्होंने बताया कि फिलहाल मामले को सुलझा लिया गया है। घटना की पूरी जानकारी पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को दी जाएगी।