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पेयजल के लिए केंद्र दे स्पेशल पैकेज : मिथिलेश ठाकुर

रांची पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने केंद्र सरकार से पेयजल के लिए केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 02:01 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 02:01 AM (IST)
पेयजल के लिए केंद्र दे स्पेशल पैकेज : मिथिलेश ठाकुर
पेयजल के लिए केंद्र दे स्पेशल पैकेज : मिथिलेश ठाकुर

रांची : पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने केंद्र सरकार से पेयजल के संदर्भ में स्पेशल पैकेज की मांग की है। बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में जल जीवन मिशन पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2024 तक हर घर तक तक पाइप लाइन से जलापूर्ति का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब केंद्र सरकार झारखंड को स्पेशल पैकेज दे। यदि इस संदर्भ में विचार नहीं हुआ तो इस लक्ष्य को समय से हासिल नहीं किया जा सकता है।

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मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड में टोलों के बसावट एवं जल स्रोतों की दूरी के कारण योजना की लागत प्रति परिवार तकरीबन 65 से 75 हजार के आती है। जल जीवन मिशन के तहत 47 हजार प्रति परिवार के आधार पर राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। जिसमें केंद्र व राज्य का अनुपात 50-50 फीसद का है। इस लिहाज से देखें तो प्रति परिवार के लिए मात्र 23,500 रुपये की राशि राज्य को केंद्र से प्राप्त होगी। वास्तविक लागत को आधार मानें तो केंद्र व राज्य का अनुपात लगभग 35:65 फीसद होगा। उन्होंने इस मौके पर पूर्वोत्तर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां 90:10 के अनुपात में राशि मुहैया कराई जा रही है। उसी तर्ज पर झारखंड को भी हिस्सा मिले।

मंत्री ने कहा कि घर-घर नल जल पहुंचाने को लेकर हम संकल्पित हैं। निर्माणाधीन 255 वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं एवं 14892 मिनी जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिससे करीब 13.78 लाख घरों को जोड़ा जाएगा। धनबाद, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, पश्चिम सिंहभूम एवं चतरा जिले में डीएमएफटी की राशि का समुचित उपयोग कर पाइप जलापूर्ति योजना को शत प्रतिशत पूरा किया जाएगा। इससे पूर्व पेयजल सचिव आराधना पटनायक ने राज्य सरकार के स्तर से किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। जल शक्ति मंत्रालय के उपसचिव मनोज साहू ने केंद्र व राज्यों की सामूहिक साझीदारी से लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया। कार्यशाला में राज्य भर से स्टेक होल्डर, प्रखंड पंचायत के प्रतिनिधि, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता शामिल हुए।

अफसरों को चेताया, कागजों पर न हो काम, धरातल पर उतरें योजनाएं

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री ने स्पष्ट कहा कि पेयजल की योजनाएं अधिकारियों व अभियंताओं की लापरवाही की वजह से समय पर पूरी नहीं हो पा रहीं हैं। चेताते हुए कहा कि कागजी काम न हो, योजना धरातल पर उतरे। तब ही जल जीवन के लक्ष्य को समय से प्राप्त किया जा सकता है। कहा, रेलवे एवं ऊर्जा विभाग से एनओसी लेकर योजनाओं को तेजी से पूरा करने की दिशा में काम करें।


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