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धुर्वा-हटिया रूट पर नहीं चले ऑटो, भटकते रहे यात्री

रांची परमिट के नाम पर डीजल ऑटो की धर-पकड़ के खिलाफ सोमवार को धुर्वा-हटिया रूट पर ऑटो नहीं चले।

By Edited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 02:06 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 02:10 AM (IST)
धुर्वा-हटिया रूट पर नहीं चले ऑटो, भटकते रहे यात्री
धुर्वा-हटिया रूट पर नहीं चले ऑटो, भटकते रहे यात्री
जागरण संवाददाता, रांची : परमिट के नाम पर डीजल ऑटो की धर-पकड़ के खिलाफ सोमवार को धुर्वा-हटिया मार्ग पर ऑटो नहीं चले। इससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। धुर्वा से गोलचक्कर होते हुए बिरसा चौक तक आनेवाले यात्रियों को सबसे ज्यादा मुश्किल हुई। बिरसा चौक, कांटा टोली चौक, कचहरी मोड़, हिनू चौक, डोरंडा में लोग ऑटो के लिए इधर से उधर भटकते रहे। सुबह 9 बजे कांटा टोली चौक पर बड़ी संख्या में लोग ऑटो के इंतजार में खड़े थे। कांटा टोली चौक से धुर्वा जाने के लिए ऑटो का इंतजार कर रहे सुभाष ने बताया कि आधे घंटे से वह परेशान हैं। साथ में बच्चे भी हैं। अन्य लोगों ने भी ऐसी ही परेशानी बतायी। मिनी डोर ऑटो (विक्रम) का परिचालन पूरी तरह बंद रहा। कई यात्री निर्धारित समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए। इधर, झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ (दिनेश सोनी गुट) के नेतृत्व में ऑटो चालकों ने प्रदर्शन भी किया। वहीं दूसरी ओर लंकेश गुट में शामिल ऑटो चालकों ने एक दिवसीय ऑटो बंदी का नैतिक समर्थन किया। हालांकि इस दौरान पियागो कंपनी के डीजल ऑटो का परिचालन जारी रहा। इस अवसर पर महासंघ के संरक्षक संतोष पाठक, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश, बृजेश श्रीवास्तव, धीरेंद्र सिंह, महेश सिंह, संजय पटेल, गुड्डू राय, चंदन सिंह समेत कई उपस्थित थे। एकमुश्त टैक्स के मुद्दे पर लें उचित निर्णय : महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सोनी ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि टैक्स के मुद्दे पर उचित निर्णय लिया जाए, ताकि जब्त किए गए ऑटो को न्यूनतम जुर्माना का भुगतान कर छुड़ाया जा सके। आरटीए कार्यालय में ऑनलाइन टैक्स लिया जा रहा है, जबकि सभी ऑटो का नंबर उसमें शामिल नहीं है। पूर्व में जिला प्रशासन ने सभी संघों के साथ बैठक कर एकमुश्त टैक्स के मुद्दे पर बातचीत की थी। फिर भी जिला प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। ऑटो चालक 15 साल का एकमुश्त टैक्स देने में असमर्थ हैं। आत्मदाह करने की दी धमकी : झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ (लंकेश गुट) के कार्यकारी अध्यक्ष मंटु लाला व महासचिव पवन झा ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो ऑटो चालक व मालिक सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करेंगे। कहा, सरकार ऑटो चालकों के साथ अन्याय कर रही है। गरीब ऑटो चालकों से एकमुश्त टैक्स की मांग की जा रही है। नगर निगम क्षेत्र में चलने वाले ऑटो को न तो परमिट मिल रहा है और न ही फिटनेस प्रमाण। जल्द ही चालकों का प्रतिनिधिमंडल प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से मिलकर उन्हें अपनी भावना से अवगत कराएगा। साथ ही सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्ष को पत्र के माध्यम से ऑटो चालकों की समस्या की जानकारी दी जाएगी। ये है ऑटो चालकों की परेशानी - 15 साल का एकमुश्त टैक्स जमा करने में ऑटो चालक असमर्थ। - बीच सड़क पर यात्रियों को उतारकर ऑटो को जब्त कर थाना में लगाया जा रहा है। - 15 साल का टैक्स लेते हैं तो 15 साल तक नगर निगम क्षेत्र में ऑटो चलाने का अधिकार भी दिया जाए। - 2011 में निर्गत 2335 ऑटो परमिट की जांच की जाए। शहर में चार से पांच सौ परमिट ही बचे होंगे। - 2011 में आरटीए कार्यालय से निर्गत परमिट को रिप्लेस ही नहीं किया गया। - पुराने ऑटो का वैल्यू एसेसमेंट करने के बाद इन्वॉयस पर लिया जा रहा एकमुश्त टैक्स। - फिटनेस प्रमाण पत्र पर एमवीआइ का हस्ताक्षर अनिवार्य नहीं, फिर भी एमवीआइ से हस्ताक्षर कराने की बाध्यता। - फिटनेस के तहत ऑटो के चारों ओर रेड रिफ्लेक्टर पंट्टी लगाने की अनिवार्यता से हो रही परेशानी। - 2011 में 2610 परमिट निर्गत किया गया। फिर लगभग 1500 ऑटो परमिट के तहत ओरेंज स्टिकर दिया गया। अब परमिट रिप्लेसमेंट के नाम पर मांगा जा रहा ओरेंज स्टिकर। - आरटीए कार्यालय में परमिट रिप्लेसमेंट के लिए छह सौ से अधिक आवेदन हैं लंबित। पुराने ऑटो के परमिट को नए ऑटो में नहीं किया जा रहा है रिप्लेस। परमिट अवधि के तहत लगभग सभी ऑटो की मियाद (10 वर्ष) हो चुकी है पूरी। - ट्रैफिक पुलिस परमिट जांच के नाम पर ऑटो जब्त कर रही है, जबकि फाइन जमा करने के लिए आरटीए कार्यालय का लगाना पड़ता है चक्कर।

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