Covid 19 Lockdown: झारखंड वापस लौट रहे प्रवासी मजदूर अब बने बड़ी चिंता, होगा रैपिड टेस्ट
अबतक लगभग तीस हजार मजदूर झारखंड लौट चुके हैं। जबकि हजारों प्रवासी अभी आने बाकी हैं। ऐसे में रेड जोन से आ रहे इन प्रवासियों की जांच में छोटी सी चूक खतरनाक साबित हो सकता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। दूसरे राज्यों से झारखंड लौट चुके या लौटने वाले प्रवासी मजदूरों से राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। राज्य सरकार के पदाधिकारी भी इसे मान रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वापस लौट रहे अधिसंख्य मजदूर उन राज्यों से लौट रहे हैं, जो कोरोना के रेड जोन में हैं। साथ ही, आने वाले मजदूर बड़ी संख्या में मुंबई व गुजरात जैसे उन राज्यों से भी लौटेंगे, जहां यह वायरस खतरनाक रूप ले चुका है।
राज्य में अबतक लगभग तीस हजार मजदूर लौट चुके हैं।
शुक्रवार को भी केरल, तमिलनाडु आदि राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर लौटे। चिंता की बात यह है कि बाहर से लौट रहे मजदूरों की अभी थर्मल स्क्रीनिंग ही हो रही है। इसमें किसी प्रकार लक्षण पाए जाने पर ही उनकी कोराना जांच हो रही है। चिकित्सक इसे पर्याप्त नहीं मानते, क्योंकि राज्य में अबतक जो मामले आए हैं, उनमें से 80 फीसद से अधिक में इसके लक्षण संक्रमण मुक्त होने तक सामने नहीं आए।
दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को होम क्वारंटाइन में रहने की छूट देने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है। वहीं, होम क्वारंटाइन की निगरानी की कोई पुख्ता व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कई मौके पर कह चुके हैं कि आने वाले दिनों में और सतर्कता की जरूरत होगी, जब बड़ी संख्या में प्रवासी अपने राज्य लौटेंगे। यही वजह है कि राज्य में लॉकडाउन में कोई ढील नहीं दी गई। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह भी सीमावर्ती जिलों में जांच में तेजी लाने के निर्देश संबंधित उपायुक्तों को दे चुके हैं।
हिंदपीढ़ी को छोड़ अधिसंख्य संक्रमण प्रवासी मजदूरों में
राज्य में हिंदपीढ़ी को छोड़ दें तो अधिसंख्य मामले में संक्रमण वैसे मजदूरों में मिला है, जो लॉकडाउन में ही दूसरे राज्यों से भागकर झारखंड लौटे हैं। गिरिडीह, हजारीबाग, देवघर, जामताड़ा, पलामू के अलावा बोकारो में संक्रमण के कुछ ऐसे ही मामले सामने आए। पलामू में मिले संक्रमण के आठ मामले में भी मजदूर छत्तीसगढ़ से भागकर वहां से लौटे थे।
रैपिड टेस्ट की चल रही तैयारी
राज्य के जिन जिलों में अधिक प्रवासी मजदूर लौटे हैं, वहां रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कराने की तैयारी चल रही है। इनमें गिरिडीह, पलामू, गढ़वा के अलावा कई जिले शामिल हैं। यह जांच सर्विलांस के रूप में काम करेगी।
यह सही है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के लौटने से संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ गया है। राज्य पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। ऐसे में जांच बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार इस ओर कदम आगे बढ़ा रही है। डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग।