स्कूलों के विलय की होगी समीक्षा, सीएम के निर्देश पर मांगी रिपोर्ट
रांची स्कूलों के पुनर्गठन के प्रयास में बंद हो गए स्कूलों की समीक्षा होगी। मुख्यमंत्री हेमंत के निर्देश के बाद समीक्षा के कार्य में तेजी आ गई है।
रांची : स्कूलों के पुनर्गठन के प्रयास में बंद हो गए स्कूलों की समीक्षा होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इसे लेकर रेस हो गया है।
विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने इस बाबत राज्य परियोजना निदेशक, उमाशंकर सिंह से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
उन्होंने इसके लिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशकों से सहयोग लेने को कहा है। उन्होंने स्कूलों के विलय से खाली हुए भवनों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी गुगल शीट पर प्राप्त करने का निर्देश दिया है। बता दें कि बंद स्कूलों के भवनों का दूसरे कार्यो में उपयोग नहीं होने से उसका दुरुपयोग हो रहा है।
इधर, मुख्यमंत्री द्वारा 10 फरवरी को की गई विभाग की समीक्षा के क्रम में दिए गए आदेश के अनुपालन को लेकर विभाग रेस हो गया है। प्रधान सचिव ने संबंधित पदाधिकारियों को उसके अनुपालन का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले के एक स्कूल को लीडर स्कूल के रूप में पहचान कर उसे विकसित करने तथा प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल स्कूल का पुनर्गठन कर उसे आवासीय बनाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी स्कूल में मिड डे मील के लिए बच्चों को थाली लाना न पड़े। हालांकि योजना के तहत बर्तन खरीदने का प्रस्ताव केंद्र के पास लंबित है। इसके बावजूद शिक्षा सचिव ने उन स्कूलों, जहां बच्चे थाली घर से लेकर आते हैं उनमें बर्तन खरीदने के लिए बजट में एक से दो करोड़ रुपये का प्रावधान करने का निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशक आदित्य आनंद को दिया है।
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शिक्षक नियुक्ति में खिलाड़ियों को आरक्षण नहीं मिलने की होगी जांच
पिछले वर्ष स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति में खेलकूद विभाग द्वारा निर्धारित क्षैतिज आरक्षण के नियमों का अनुपालन नहीं होने की जांच होगी। साथ ही नियुक्ति नियमावली में इसी के अनुरूप प्रावधान करने का निर्देश दिया गया।
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अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
- डायटों के लिए स्वीकृत पदों पर नियुक्ति नियमावली के पुनर्गठन का कार्य एक माह में पूरा करें।
- शहरी क्षेत्र में शिक्षकों का पदस्थापन अधिक है। आवश्यकता के अनुसार ही शिक्षकों का पदस्थापन करें। अधिक से अधिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात का मापदंड पूरा हो।
- रसोइया का भी मानदेय पारा शिक्षकों की तरह डीबीटी के माध्यम से किया जाए।
- शिक्षा मंत्री ने सोशल ऑडिट करनेवाली टीम द्वारा कुछ स्कूल में अनावश्यक रूप से परेशान करने की शिकायत की। इसकी पुनरावृत्ति न हो।
- वोकेशनल ट्रेनरों का नियमित मानदेय भुगतान हो तथा दोषी एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई हो।
- कस्तूरबा स्कूलों की मुख्यालय से मॉनीटरिग के लिए साफ्टवेयर साल्यूशन तैयार किया जाए तथा पीएमयू गठित हो।