अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
मॉबलिंचिंग में मृतक परिवार को न्याय और पुनर्वास के साथ रोकथाम के लिए बने कानून। जासं
-- मॉबलिंचिंग में मृतक परिवार को न्याय और पुनर्वास के साथ रोकथाम के लिए बने कानून
जासं, रांची : देशभर के अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव, ऐतिहासिक धरोहरों पर अवैध दावेदारी और बन रहे असंवैधानिक कानूनों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर आमया संगठन ने रांची के कडरू स्थित हज हाउस के समक्ष न्याय प्रदर्शन किया। मौके पर अल्पसंख्यकों का पक्ष रखते हुए आमया के केंद्रीय अध्यक्ष एस.अली ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के नाम झारखंड के (अल्पसंख्यक) मुस्लिमों के हित से जुड़े 15 सूत्री मांग पत्र (न्याय पत्र) जारी किया। न्याय पत्र के माध्यम से एस अली ने कई गंभीर मुद्दे उठाते हुए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
मांग पत्र में संस्था की तरफ से कहा गया है कि मॉबलिंचिंग में मृतक परिवार को न्याय और पुनर्वास के साथ लिचिंग रोकने हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कानून बने। साथ ही मांग की गई कि सोशल मीडिया में धार्मिक टिप्पणी कर समुदाय विशेष को आहत करने के खिलाफ़ कानून बनाया जाए। आबादी के अनुरूप सरकारी और निजी नौकरियों में मुसलमानों की सुनिश्चित भागीदारी हो। भैंस-काड़ा पशु की खरीद बिक्री एवं मांस के कारोबार में महाराष्ट्र, यूपी के तर्ज पर कानून बनाया जाए। मुस्लिमों की भूमि की अवैध खरीद-बिक्री और फर्जीवाड़ा से संबंधित केसों की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट से हो।
संस्थान की तरफ से मांग की गई कि विश्वविद्यालय, जैक, आयोग, बोर्ड, निगम और दूसरे संस्थानों में मुसलमानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उर्दू शिक्षकों की बहाली में आरक्षित पदों को विलोपित कर पिछड़ा व सामान्य जाति के महिलाओं के लिए सुरक्षित करने, 4401 उर्दू शिक्षक के बचे 3700 पदों को स्नातक टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से भरने के साथ ही 2018 में हाईकोर्ट के आदेशानुसार दो विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों के पद सृजित कर नियुक्ति की मांग की गई। इसके साथ ही अन्य कई मांग संस्था की तरफ से सरकार से की गई है। इस मौके पर आमया संगठन के लतीफ आलम, मो नौशाद, मो फुरकान, जियाउद्दीन अंसारी, एकराम हुसैन, अरशद जिया, अबरार अहमद, अंजर आलाम, मोईज अहमद, तहमीद अंसारी आदि मौजूद थे।