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विस: अफसरों के गायब रहने पर स्‍पीकर नाराज, कहा- झारखंड में ऐसे अधिकारियों की जरूरत नहीं

Jharkhand Assembly Budget Session. विधानसभा के मुख्‍य द्वार पर कांग्रेस और झामुमो के विधायकों ने खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के बयान को लेकर सरकार से विरोध जताया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 11:42 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 05:16 PM (IST)
विस: अफसरों के गायब रहने पर स्‍पीकर नाराज, कहा- झारखंड में ऐसे अधिकारियों की जरूरत नहीं
विस: अफसरों के गायब रहने पर स्‍पीकर नाराज, कहा- झारखंड में ऐसे अधिकारियों की जरूरत नहीं

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को कार्यवाही के दौरान विधानसभाध्‍यक्ष ने एक बार फिर नाराजगी जताई है। सदन के अधिकारी दीर्घा में अधिकारियों के नहीं रहने पर स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि  ऐसे अधिकारियों का झारखंड में कोई औचित्य नहीं है। अगर अफसर विधानसभा में रहना अपना अपमान समझते हैं तो वे कहीं और चले जाएं।

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इधर रघुवर कैबिनेट के वरिष्‍ठ सदस्‍य और राज्‍य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के बयान पर घमासान मच गया है। विपक्षी दल सरयू के बयान को मुद्दा बनाकर मुख्‍यमंत्री रघुवर दास से इस्‍तीफे की मांग कर रहे हैं। राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू से भी मसले पर संज्ञान लेने की अपेक्षा रखी गई है। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सरयू राय से तुरंत सरकार से अलग होने की अपील की है।

इससे पहले सरकार के मंत्री सरयू राय के बयान को लेकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्‍यों ने मुख्‍य द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सुखदेव भगत ने कहा कि इस बयान को राज्‍य की स्थिति का संदर्भ मानते हुए राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए। सदस्‍य सरयू राय के सहारे मुख्‍यमंत्री रघुवर दास और भाजपा सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं।

जानें क्‍या कहा था सरयू राय ने : बीते दिन खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा था कि वे रघुवर सरकार में रहकर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी छह माह पहले इस मामले की सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने की टीस भी सार्वजनिक की थी।

विधायक राजकुमार यादव ने फसल बीमा का किसानों को लाभ नहीं मिलने का मामला उठाया। जिसके जवाब में कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि सभी सदस्यों को जिलावार फसल बीमा के लाभुकों की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। बताया गया है कि विधानसभा नियुक्ति घोटाले में पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर, तीन पूर्व सचिव और आधा दर्जन अफसरों को नोटिस दिया गया है। इस बीच विधानसभा की ध्यानाकर्षण समिति ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने की अनुशंसा की है। स्पीकर दिनेश उरांव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। जसीडीह औद्योगिक विकास क्षेत्र में बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को चालू कराने के लिए सरकार वन टाइम सेटलमेंट करेगी। विधायक नारायण दास द्वारा ध्यानाकर्षण में इन इकाइयों के बंद होने का मामला उठाने पर सरकार ने यह जवाब दिया।

बता दें कि प्राथमिक शिक्षकों के निर्धारित 25 फीसद पदों में अधिसंख्य पद रिक्त रह गए हैं। दूसरी तरफ, ओपेन 75 फीसद पदों में निर्धारित अंक लाने के बाद भी कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया। समिति ने इन अभ्यर्थियों को ही प्राथमिक शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्त करने को कहा है। हालांकि प्राथमिक शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं।

इस बीच झाविमो सदस्‍य प्रदीप यादव ने सदन में जोर-शोर से बिजली चोरी का मामला उठाया है।  पूर्वी सिंहभूम का मामला उठाते हुए उन्‍होंने कहा कि यहां 400 करोड़ की बिजली चोरी की गई है, सरकार को ऐसे लोगों पर एफआइआर करनी चाहिए। सीपी सिंह ने प्रदीप यादव के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार संबंधित 6 कंपनियों की समीक्षा कर रही है। इसके बाद इन कंपनियों पर सरकार प्राथमिकी दर्ज कराएगी। भाजपा के सचेतक राधा कृष्ण किशोर के सवाल के जवाब में प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पलामू के खराब ट्रांसफर जल्द बदले जाएंगे।

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार की कार्यवाही चल रही है। इधर विधानसभा में बीते दिन सरकार के मंत्री सीपी सिंह की पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर टिप्‍पणी को लेकर भी सदस्‍य अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं। सीपी ने कहा था कि ममता बनर्जी विक्षिप्त हो गई हैं। वे रांची आएं झारखंड सरकार उनके इलाज के लिए कांके के मानसिक अरोग्‍यशाला में पर्याप्त व्यवस्था करेगी। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को पश्चिम बंगाल में में ममता बनर्जी द्वारा सभा करने की अनुमति नहीं देने पर उन्‍होंने राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी।

सरकार ने बुधवार को सदन से झारखंड राज्‍य हाउसिंग बोर्ड संशोधन विधेयक सहित तीन विधेयक और एक संकल्‍प पारित कराए थे । झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) विधेयक भी पारित हो गया है। इसके साथ ही अब माडा कर्मियों को बकाया और वेतन देने का रास्ता साफ हो गया है। मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लाने को लेकर संशोधित विधेयक लाया जाना है। सरकार ने संशोधित विधेयक लाने के लिए इसे वापस ले लिया है।


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