झारखंड में सूखे के हालात, सदन में हो विशेष बहस
भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड में सूखे की हालात को बदतर बताया है।
राज्य ब्यूरो, रांची : भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड में सूखे की हालात बताते हुए इसपर विधानसभा में विशेष बहस की मांग की है।
सोमवार को सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में उन्होंने इसे लेकर प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त वर्षा नहीं होने से खेतों में धान के बिचड़े सूख गए हैं। कमोबेश सभी जिलों में ऐसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को दूसरी पाली में कोई विषय प्रस्तावित नहीं है।
ऐसे में इस सत्र का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। उनके इस प्रस्ताव का कई अन्य विधायकों ने भी समर्थन किया। वहीं, इस बैठक में विपक्ष ने सदन में भूमि अधिग्रहण संशोधन पर भी बहस कराने की मांग उठाई।
इससे पहले, समिति की अध्यक्षता करते हुए स्पीकर डा. दिनेश उरांव ने सभी सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने खासकर प्रश्नकाल किसी भी हालत में बाधित नहीं होने देने पर जोर दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा कई मंत्री व विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे। पूछे जाने पर बैठक की जानकारी देते हुए राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, झाविमो के प्रदीप यादव आदि ने भी कहा है कि वे सदन चलने देना चाहते हैं। विधायी कार्य बाधित नहीं करने का उन्होंने आश्वासन दिया है। यही रवैया रहा तो नहीं चलेगा सदन : हेमंत
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि सदन चलाने के पक्षधर वे सभी हैं। लेकिन सीएम के आचरण, व्यवहार और कार्यकलाप से लगता है कि वे एक षड़यंत्र के तहत सदन को चलने ही देना नहीं चाहते। सदन नहीं चल रहा है तो वे इसके लिए सीधे जिम्मेदार हैं। उन्होंने आगे भी सदन को नहीं चलने देने के संकेत देते हुए कहा कि जनता की आवाज को कुचला जाएगा तो विपक्ष चुप नहीं बैठेगा। यदि सरकार जनता के सवालों का जवाब नहीं देगी तो सदन को चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सदन नहीं चला तो झामुमो के विधायक उस अवधि का कोई भी लाभ नहीं लेंगे।