मेडिकल वेस्ट रिम्स पीजी गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं के लिए बन रहा परेशानी का सबब
जासं रांची राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के न्यू पीजी हॉस्टल के लिए मेडिकल वेस्ट परेशानी का सबब बन गय ाहै।
जासं, रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के न्यू पीजी हॉस्टल के लिए मेडिकल वेस्ट डिकंपोजर परेशानी का कारण बन गया है। हॉस्टल के पीछे बने डिकंपोजर यूनिट से मेडिकल वेस्ट को डिकंपोज करने की व्यवस्था तो है, लेकिन रिम्स प्रबंधन की लापरवाही और अनदेखी के कारण यह दम तोड़ रही है। पीजी हॉस्टल के पीछे बड़े इलाके में मेडिकल वेस्ट बिखरे पड़े हैं। ऐसे में हॉस्टल परिसर का वातावरण खराब हो रहा है।
रिम्स में हर समय 1400 मरीजों का इलाज होता है। हर रोज रिम्स से 500 किलो मेडिकल वेस्ट निकलता है। मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए मेडिकल वेस्ट डिकंपोजर लगाया गया है, लेकिन मेडिकल वेस्ट डिकंपोजर के ठीक ढंग से काम नहीं करने के कारण हॉस्टल के पीछे के परिसर में कचरे का अंबार पसरा हुआ है। मेडिकल वेस्ट के कारण हॉस्टल का पानी भी दूषित होता जा रहा है। कूड़े में मक्खियां भिनभिनाते रहती हैं। इससे हॉस्टल में भी संक्रमण फैलता है। पिछले ही महीने एक दर्जन से अधिक पीजी चिकित्सक बीमार पड़ चुकीं हैं।
मेडिकल वेस्ट यूनिट का हॉस्टल के बगल में होना चिताजनक
रिम्स में कार्यरत जूनियर चिकित्सक डॉ चंद्रभूषण की मानें तो मेडिकल वेस्ट यूनिट का हॉस्टल के बगल में होना चिताजनक है। उन्होंने कहा कि इस रास्ते से वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के कर्मचारी जो कचरा लेकर जाते हैं वह रास्ते में बिखर जाता है। इससे बेहतर स्वास्थ्य की कामना कैसे की जा सकती है। मेडिकल वेस्ट के कारण परिसर का वातावरण भी खराब हो रहा है। वेस्ट के कारण बीमारी फैलने की आशंका है। मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए प्रभावशाली ढंग से काम करने की जरूरत है, जो फिलहाल नहीं दिख रहा है।
हॉस्टल की छात्राएं अक्सर रहती हैं बीमार
रिम्स के पीजी हॉस्टल नंबर 7 में रहने वाली छात्रा सौम्या ने कहा कि मेडिकल वेस्ट डिकंपोजर यूनिट से निकलने वाले धुएं से बीमारी फैलने की आशंका है। हर रोज बड़े पैमाने पर मेडिकल वेस्ट यहां पर लाया जाता है, लेकिन ठीक तरह से डिकंपोज नहीं किया जाता है। जिससे अक्सर छात्रावास की छात्राएं बीमार रहती हैं।