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मानव कल्याण का बहुत बड़ा हिस्सा है चिकित्साशास्त्र : राज्यपाल

मेडिकल साइंस के मानव कल्याण का बहुत बड़ा हिस्सा चिकित्सा शास्त्र है। राज्यपाल ने जेसीकॉन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर उक्त बातें कहीं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 02:55 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 02:55 AM (IST)
मानव कल्याण का बहुत बड़ा हिस्सा है चिकित्साशास्त्र : राज्यपाल
मानव कल्याण का बहुत बड़ा हिस्सा है चिकित्साशास्त्र : राज्यपाल

जागरण संवाददाता, रांची : मेडिकल साइंस के मानव कल्याण का बहुत बड़ा हिस्सा चिकित्सा शास्त्र है। इसके माध्यम से चिकित्सक मरीजों के विकार को दूर करने का प्रयास करते हैं। देश के सभी अस्पतालों में सर्जन विशेष तौर पर रहते हैं। चिकित्सा को दो मुख्य विभागों में बांटा गया है मेडिसिन और सर्जरी। सर्जरी में चिकित्सकों के हस्त कौशल का महत्व होता है। जबकि मेडिसिन विभाग में औषधि से उपचार प्रमुख होता है। उक्त बातें रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित तीन दिवसीय जेसीकॉन-19 के दौरान राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही। आगे उन्होंने कहा कि सर्जरी एक ऐसी विधा है जिसमें सर्जन मरीज के किसी अंग की मरम्मत कर या उसे हटा कर दूसरा अंग प्रत्यारोपित कर उपचार करता है। आयुर्वेद में भी धंवंतरी या संप्रदाय सर्जरी के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस सम्मेलन में सभी सर्जरी चिकित्सा के नवीनतम आयामों का लोकहित में चर्चा करेंगे। शरीर के अंग फेल होने पर ट्रांसप्लांट एक मात्र इलाज

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एसोसिएशन ऑफ सर्जन ऑफ इंडिया, झारखंड चेप्टर के वार्षिक सम्मेलन का शनिवार को राज्यपाल के हाथों विधिवत उद्घाटन किया गया। इस दौरान पीजीआइ चंड़ीगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष सर्जन पद्मश्री डॉ. मुकुट मिंज व रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे। सम्मेलन के दौरान प्रसिद्ध किडनी और पैनक्रियाज ट्रासप्लाट सर्जन पद्मश्री डॉ. मुकुट मिंज ने कहा कि शरीर के किसी भी अंग के फेल होने पर ट्रासप्लाट ही एक मात्र उपचार है। दोनों किडनी फेल होने पर भी एक किडनी का ट्रासप्लाट कर मरीज को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डायबिटिज से किडनी, हार्ट एवं ब्रेन प्रभावित होता है। डायबिटिज के पहले टाइप में पैनक्रियाज एवं किडनी दोनों खराब हो जाती है। पैनक्रियाज ट्रासप्लाट के समय किडनी का भी ट्रासप्लाट एक साथ किया जाता है। डॉ. मिंज ने कहा कि ट्रासप्लाट के बाद मरीज और डोनर दोनों को अस्पताल से पाच से सात दिनों में छुट्टी तक दी जा सकती है। सम्मेलन के दूसरे दिन डॉ. अरसद जमाल ने रोल ऑफ लेप्रोस्किोपी इन यूरोलॉजी, डॉ. एनके झा ने फास्ट ट्रक सर्जरी, डॉ. एमएस भट्ट ने मेडिका लीगल, डॉ. वीके जैन ने सर्जिकल इंटरवेंशन इन एक्यूट पेनक्रियाटिस पर उपस्थित डॉक्टरों को जानकारी दी। इनके अलावा कई और चिकित्सकों ने भी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए।


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