Move to Jagran APP

पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का मामला: हाई कोर्ट ने कहा- दो सप्ताह में जवाब नहीं दाखिल करने पर लगेगा भारी हर्जाना

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ में पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 11:26 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 11:26 AM (IST)
पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का मामला: हाई कोर्ट ने कहा- दो सप्ताह में जवाब नहीं दाखिल करने पर लगेगा भारी हर्जाना
हाई कोर्ट ने कहा- दो सप्ताह में जवाब नहीं दाखिल करने पर लगेगा भारी हर्जाना। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ में पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा कि यदि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से दो सप्ताह में जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो कोर्ट विभाग पर भारी हर्जाना लगाएगा। अदालत ने इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। इस संबंध में अजोय सिन्हा एवं अन्य ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का आग्रह किया है।

loksabha election banner

सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता नागमणि तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा कि अब पुरानी पेंशन की जगह झारखंड राज्य कर्मचारी अंशदायी पेंशन लागू की जाती है। इस आदेश से विश्वविद्यालयों में नियुक्त हुए प्रोफेसर भी प्रभावित हुए हैं, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2008 में हुई है। अदालत को बताया गया कि विश्वविद्यालय का अपना अलग विधान है, जिसके अनुसार उसका संचालन होता है। ऐसे में राज्य सरकार का आदेश उन पर लागू नहीं होता है। इस मामले में पूर्व में अदालत ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई और जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.