जोड़-घटाव में फेल हो गए गणित के शिक्षक, 50 में से लाए मात्र 15 नंबर
नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत ऑनलाइन परीक्षा हुई थी। इसमें गढ़वा में 1342 में 1267 शिक्षकों के परिणाम असंतोषजनक रहे। उन्हें चेतावनी दी गई है। इस ऑनलाइन परीक्षा में बहुत ही साधारण प्रश्नों का उत्तर देना था।
गढ़वा, [संदीप केसरी शौर्य] जिन शिक्षकों पर बच्चों को जोड़-घटाव, गुणा-भाग पढ़ाने की जिम्मेवारी है, वही शिक्षक हिसाब-किताब में गड़बड़ा गए हैं। प्रदर्शन आंकने के लिए आंकाक्षी जिले गढ़वा में गणित शिक्षकों की हुई परीक्षा में 1342 में मात्र 75 शिक्षक ही संतोषजनक नंबर ला पाए। 1267 शिक्षकों के परिणाम असंतोषजनक हैं। जबकि एक से बारहवीं तक के शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा में बहुत साधारण से प्रश्नों का उत्तर देना था। 147 शिक्षक तो ऐसे थे जो 50 में 15 नंबर तक ही सिमट गए।
नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के एस्प्रेशनल डिस्ट्रिक्ट फेलो सिद्धांत कुमार ने कहा कि आंकाक्षी जिलों में शिक्षकों की योग्यता का आकलन करने के लिए इस परीक्षा का आयोजन किया गया था। गुणवत्ता में सुधार का उद्देश्य इसका मकसद है। अभी गणित की परीक्षा ली गई है। अंग्रेजी की भी परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा के प्रश्न इन्हीं शिक्षकों की टीम द्वारा ही तैयार किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार अगस्त 2020 में गढ़वा जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों के गणित शिक्षकों की परीक्षा ली गई थी। इसका परिणाम सितंबर माह में जारी किया गया। परीक्षा में कुल 1342 में मात्र 75 शिक्षक ही ऐसे थे जिन्हें 45 स्कोर प्राप्त हुए हैं। शेष शिक्षकों को अपने प्रदर्शन में सुधार की चेतावनी दी गई है। रंका, बडग़ढ़, डंडई प्रखंड के सरकारी विद्यालयों के गणित शिक्षकों का प्रदर्शन फिसड्डी रहा है।
जिले के शिक्षकों का प्रदर्शन 50 के मुकाबले औसत स्कोर मात्र 30.91 रहा है। इसमें गौर करने वाली बात है कि ऑनलाइन परीक्षा में जोड़, घटाव, गुणा, भाग के साथ-साथ दशमलव आदि से संबंधित प्रश्न पूछे गए थे। इसका जवाब अधिकतर शिक्षक सही सही नहीं दे सके। परीक्षा में स्थायी एवं अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक शामिल हुए थे।
ऐसे ही शिक्षकों ने ही डुबोई लुटिया
2019 में जारी मैट्रिक के परिणाम में गढ़वा जिला का प्रदर्शन बेहतर था। यहां 71.94 फीसद विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए थे और 24 जिलों में गढ़वा की रैंकिंग नौवें नंबर पर थी। लेकिन 2020 में मैट्रिक के परीक्षा परिणाम में गढ़वा राज्य के 24 जिलों में 22वें स्थान पर पहुंच गया। यानि नीचे से तीसरे नंबर पर। यहां महज 66.67 फीसद बच्चे उत्तीर्ण हुए। माथे पर जोर डालने की जरूरत नहीं कि परिणाम औंधे मुंह गिरने की वजह क्या है। जहां शिक्षकों के पास होने पर लाले हैं, वहां बच्चे कैसे बेहतर नंबर लाएंगे।