दो लोगों के अपहरण के बाद रोकाब में माओवादियों का खौफ
पत्थलगड़ी की आड़ में अपने नापाक मंसूबों को थोपने में लगे स्वयंभू कमांडरों और माओवादियों ने दहशत कायम कर दिया है।
रांची : पत्थलगड़ी की आड़ में अपने नापाक मंसूबों को थोपने में लगे स्वयंभू कमांडरों और माओवादी ग्रामीण इलाकों में दहशत कायम करने में जुटे हैं। अपने दबदबे वाले इलाके में वे अब गांववालों को धमकी के साथ ही उन्हें नुकसान पहुंचाने की ताक में हैं। पत्थलगड़ी के बाद अब माओवादियों ने खूंटी जिले में अपना पैर फैलाना शुरू कर दिया है। माओवादी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में दहशत पैदा करने में लगे हुए हैं। इसी क्रम में शनिवार की रात अड़की प्रखंड क्षेत्र के रोकाब गांव से माओवादियों ने रामपूर्ति को अगवा कर लिया था। उसको अब तक नहीं छोड़ा गया है।
उसकी पत्नी तुतुई पूर्ति और डेढ़ साल का बेटा गम में डूबे हुए हैं। पति के इंतजार में दिनरात उसकी पत्नी रोती रहती है। माओवादियों के डर से पुलिस में भी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
गांव से महज ढाई किलोमीटर की दूरी पर पुलिस कैंप स्थापित किया गया है। इसके बाद भी माओवादियों में पुलिस के प्रति कोई भय नहीं दिख रहा है। रामपूर्ति चेन्नई काम करने गया था। कुछ दिन पहले गांव लौटा था। इससे पहले कई बार पार्टी वाले इसे अपनी गैंग में शामिल करने के लिए दबाव भी बनाए थे, लेकिन यह नहीं जाना चाहता था। सूत्रों की माने तो करीब दो सप्ताह पहले उसी गांव से बुधराम पूर्ति उर्फ मंदरू पूर्ति को भी माओवादियों ने अगवा कर लिया था। वह भी अबतक नहीं लौटा है। गांव के कई ग्रामीण माओवादी की डर से गांव छोड़ अन्य जगह पलायन कर रहे हैं। गांव की आबादी 100-150 के करीब है।
इस संबंध में एसडीपीओ रणवीर ¨सह ने बताया कि पुलिस टीम गांव गई थी। मामले की जांच चल रही है।