झारखंड में दस लाख के करीब पहुंचा मनरेगा में कार्यरत श्रमिकों का आंकड़ा
रांची झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम मुहैया कराने के साथ-साथ परिसंपत्तियां सृजन की दोहरी मंशा से शुरू की गई योजनाओं के सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। राज्य में 22 अक्टूबर को मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल इंप्लायमेंट गारंटी एक्ट) के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों का आंकड़ा 9.59 लाख पहुंच गया है जो कि अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
रांची : झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम मुहैया कराने के साथ-साथ परिसंपत्तियां सृजन की दोहरी मंशा से शुरू की गई योजनाओं के सार्थक परिणाम दिखने लगे हैं। राज्य में 22 अक्टूबर को मनरेगा (महात्मा गांधी नेशनल रूरल इंप्लायमेंट गारंटी एक्ट) के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों का आंकड़ा 9.59 लाख पहुंच गया है, जो कि अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इतना ही नहीं, मनरेगा के कार्यों को गति देने के लिए गत 18 सितंबर से शुरू किए गए विशेष अभियान के भी सार्थक परिणाम आए हैं। 35 दिनों का यह अभियान गुरुवार को समाप्त हुआ और इस अवधि में 1.47 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया। इस उपलब्धि से उत्साहित ग्रामीण विकास विभाग ने अब 105 दिनों का नया लक्ष्य तय किया है। इस दौरान 3.5 करोड़ मानव कार्य दिवस के सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
मानव दिवस सृजन का मौजूदा आंकड़ा पूर्व की तुलना में 2-3 गुना बढ़ोतरी को दर्शा रहा है। इस अभियान के दौरान गिरिडीह, गढ़वा, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम आदि जिलों ने पूर्व के अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है। सिमडेगा, लातेहार, सराईकेला, जामताड़ा का भी प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। अभियान के 35 दिनों में 84,831 परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया। जबकि, अभियान के पूर्व विगत छह महीने में लगभग 1.42 लाख योजनाओं को पूर्ण किया गया था। अभियान में अपेक्षित प्रगति को देखते हुए तथा ग्रामीण मजदूरों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराने एवं गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों के निर्माण के उद्देश्य से अभियान को कुल 105 दिनों के लिए विस्तार करने का निर्णय लिया गया है। इसमें कुल 3.5 करोड़ मानव दिवस सृजन तथा 3.74 लाख योजनाओं को पूर्ण करने का अतिरिक्त लक्ष्य तय किया गया है।
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22 अक्टूबर को कामगारों के आंकड़े :
तिथि - कुल कार्यरत मजदूर
22 अक्टूबर 2017 - 2,92,645
22 अक्टूबर 2018 - 3,21,000
22 अक्टूबर 2019 - 2,79,000
22 अक्टूबर 2020 - 9,59,941
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मनरेगा योजना किसानों एवं प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का साधन बने, यह विभाग की प्राथमिकता है। मनरेगा योजनाओं को पूरे राज्य में मिशन मोड पर संचालित किया जा रहा है। लोगों को उनके घर के करीब ही आजीविका का साधन उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है।
- आराधना पटनायक, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड।
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मनरेगा के अंतर्गत जितनी योजनाएं चल रही हैं, ग्राउंड लेवल पर उन्हें स्थापित करना हमारी जिम्मेदारी है। राज्य में डेढ़ करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य विभाग द्वारा रखा गया था, इस लक्ष्य के विरुद्ध 94 प्रतिशत उपलब्धि हासिल हुई है। आगे 105 दिन के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है।
- सिद्धार्थ त्रिपाठी, मनरेगा आयुक्त, झारखंड।
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