RIMS Ragging Case: आरोप के बाद भी दोषी छात्रों को बचाने में जुटा है रिम्स प्रबंधन
RIMS Ragging Case रिम्स में रैगिंग मामले में कमेटी की रिपोर्ट जमा होने के बाद भी प्रबंधन करवाई नहीं कर रहा है। मामले में 18 सीनियर व जूनियर छात्रों पर कार्रवाई हो सकती है। लेकिन रिम्स प्रबंधन रिपोर्ट को लेकर न तो बैठक कर रहा है और न ही करवाई।
रांची,जासं। रिम्स में रैगिंग के नाम पर सीनियर-जूनियर छात्रों के आपस में मारपीट की घटना के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट जमा होने के बाद भी प्रबंधन कोई करवाई नहीं कर रहा है। कमेटी द्वारा सभी पहुलओं को जोड़ निष्कर्ष निकाला गया है, जिसमें बताया जा रहा है कि 18 सीनियर व जूनियर छात्रों पर कार्रवाई हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी रिम्स प्रबंधन रिपोर्ट को लेकर न तो बैठक कर रहा है और न ही करवाई। कमेटी के पास जो भी सबूत सामने आए हैं उसमें बताया जा रहा है कि 2019 बैच के छात्रों ने पिछले सप्ताह हास्टल नंबर चार में आकर हंगामा किया था। इसके बाद पूरा माहौल खराब हुआ और मारपीट की नौबत आ पड़ी। इसमें 18 छात्र 2019,2020 और 2016 बैच के शामिल हैं।
इधर, रिम्स पीआरओ डा डीके सिन्हा ने बता रहे हैं कि कमेटी की रिपोर्ट जमा होने के बाद जल्द ही बैठक हो सकती है। लेकिन इसमे छात्रों का भविष्य भी देखना होगा, जिसे लेकर भी मंथन किया जा रहा है। इससे पहले पिछले सप्ताह ही कमेटी के अध्यक्ष डा हिरेन बिरुआ ने बताया था कि सभी जगहों का मुआयना किया गया है। साथ ही सभी छात्रों व अन्य लोगों का बयान लिया गया है। उन्होंने बताया था कि अभी जो बयान लिया गया है उसमें रैगिंग की कोई बात सामने नहीं आई है। इसके बाद भी अन्य पहलुओं को भी टटोला गया है। जो भी बातें सामने आएंगी, रिपोर्ट में दर्ज कर उसे प्रबंधन को सौंपा गया है।
मालूम हो कि जूनियर छात्रों ने रैगिंग होने का आरोप लगाया है। रैगिंग के बाद जूनियर छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस 2019 बैच के सीनियर छात्र 2020 बैच के जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग कर रहे थे। बीच-बचाव में आए पीजी छात्रों के साथ 2019 बैच के छात्र भिड़ गए। इसके बाद जूनियर व पीजी छात्रों के साथ 2019 बैच के छात्रों की मारपीट शुरू हो गई थी। शनिवार देर रात और सोमवार की सुबह उनके बीच दोबारा मारपीट हुई। घटना के बाद सोमवार को पूरा रिम्स परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।
घटना के दिन रिम्स स्टूडेंट वेलफेयर के डीन डा हिरेन बिरुआ ने जूनियर डाक्टर एसोसिएशन व हॉस्टल अधीक्षक के साथ मिलकर तीनों पक्ष का बयान लिया था। लेकिन इस पर कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया, जिसके बाद प्रबंधन ने जांच के लिए आठ सदस्यों की टीम गठित की। इसके अध्यक्ष डा हिरेन बिरुआ को बनाया गया। रिम्स अधीक्षक डा विवेक कश्यप ने बताया था कि जो भी इसमें दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।