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झरिया की मधुमिता का जवाब नहीं, नारी को साक्षात देवी में कर देती हैं अवतरित

Jharkhand News Dhanbad News धनबाद की झरिया की रहने वाली मधुमिता की कला की लोग खूब सराहना करते हैं। वे पर्व में महिलाओं को देवियों का आकर्षक स्वरूप देती हैं। यह इनका बचपन से शौक रहा है। इसमें उनके पति व परिवार वाले साथ देते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 03:51 PM (IST)
झरिया की मधुमिता का जवाब नहीं, नारी को साक्षात देवी में कर देती हैं अवतरित
Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद की झरिया की रहने वाली मधुमिता की कला की लोग खूब सराहना करते हैं।

झरिया (धनबाद), [गोविन्द नाथ शर्मा]। धनबाद के पोद्दारपाड़ा झरिया की निवासी 25 वर्षीय मधुमिता दत्ता इन दिनों अपनी कला के कारण चर्चा में हैं। मेकअप कला में प्रसिद्ध मधुमिता को दुर्गापूजा, कालीपूजा, सरस्वती पूजा व अन्य पर्व त्योहारों में महिलाओं को देवी का स्वरूप देने में महारत हासिल है। विजयदशमी के दिन इनकी ओर से कुल्टी, आसनसोल की ओलेविया मुखर्जी को मां दुर्गा का आकर्षक स्वरूप देने से खूब प्रसिद्धि मिली।

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एचडी मेकअप आर्टिस्ट मधुमिता दुर्गापूजा, काली पूजा व अन्य पर्व  के अवसर पर पिछले तीन वर्षों से सुंदर लड़की या महिला को मां दुर्गा व काली के आकर्षक स्वरूप में पेश करती आ रही हैं। मधुमिता की सोच है कि कोलकाता की तरह कोयले की राजधानी धनबाद में भी यह कला-संस्कृति खूब फैले। इस बार विजयादशमी के अवसर पर मां दुर्गा की विदाई के समय झरिया के दुर्गा मंदिर परिसर में सिंदूर खेला का आयोजन पूरे जिले में चर्चित रहा।

धनबाद में भी यह कला फैले, इसलिए बनाती है मां दुर्गा, काली का स्वरूप

कोलकाता से एचडी मास्टर मेकअप का कोर्स करने वाली मधुमिता कहती है कि बचपन से ही इसमें मेरी रुचि थी। धनबाद में इस कला को बढ़ाने के लिए ही तीन सालों से अलग-अलग लड़कियों व महिलाओं को महालया, विजयादशमी, काली पूजा व सरस्वती पूजा के अवसर पर देवियों का स्वरूप बनाती आ रही है। इसे इनडोर और आउटडोर में लोगों को दिखाते हैं। पिछले साल राजागढ़ दुर्गा मंदिर, नीलकंठ वासिनी मंदिर और मिश्रापाड़ा आदिशक्ति दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा के बनाए स्वरूप को लोगों ने काफी सराहा।

बहुत कठिन है मां दुर्गा व काली के स्वरूप को बनाना

मधुमिता का कहना है कि मां दुर्गा व काली के स्वरूप को बनाना काफी कठिन है। इसके लिए गंभीरता से पहले लड़की या महिलाओं का चयन करते हैं। इसके लिए लड़की या महिला को लंबी और हेल्दी होनी चाहिए। बड़ी आंखें और फेस कटिंग भी उस तरह की होनी चाहिए। प्रोफेशनल मॉडल अधिक उपयुक्त होती हैं। मां दुर्गा व काली के स्वरूप की तीसरी आंख को बनाना और कठिन है। इसमें काफी समय लगता है। हालांकि मधुमिता ने कहा कि दो साल नॉर्मल सुंदर लड़की को ही मां दुर्गा व काली का स्वरूप दिए थे।

15 हजार से अधिक आता है खर्च

मेकअप आर्टिस्ट मधुमिता का कहना है कि मां दुर्गा का स्वरूप देने से लेकर फोटोग्राफी और इनडोर, आउटडोर प्रदर्शन करने में 15 हजार रुपये से अधिक का खर्च हो जाता है। फोटोग्राफी के लिए कोलकाता या आसनसोल से फोटोग्राफर को बुलाते हैं। इस कार्य में पति कृष्णा दत्ता और परिवार के लोग पूरा सहयोग करते हैं। यह मेरा बचपन से शौक रहा है। मधुमिता मेकअप आर्टिस्ट तैयार करने के लिए घर में लड़कियों को ट्रेनिंग भी देती हैं।


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