लालू से नहीं मिलने देने पर बिफरे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी
कहा, यहां भाजपा की सरकार है, वह चाहती है कि लालू-जीतन की मुलाकात किसी भी सूरत में न हो -
कहा, यहां भाजपा की सरकार है, वह चाहती है कि लालू-जीतन की मुलाकात किसी भी सूरत में न हो
-अफसर कहते हैं जेल मैनुअल के अनुसार मंगलवार को मिलने का प्रावधान नहीं, थोड़ा मिल लेता तो क्या बिगड़ जाता
जागरण संवाददाता, रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से मिलने रिम्स पहुंचे। लेकिन जेल मैनुअल का हवाला देकर तैनात पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मिलने की इजाजत नहीं दी। इस पर जीतनराम मांझी बिफर पड़े, उन्होंने इसे यहां के भाजपा सरकार की साजिश करार दिया और बगैर मुलाकात के पटना रवाना हो गए।
जीतन राम मांझी ने कहा कि दो दिन पूर्व ही उन्होंने पत्र व फोन के माध्यम से जेल आइजी, जेल अधीक्षक तथा उपायुक्त को लालू प्रसाद से मंगलवार को मिलने की इजाजत मांगी थी। पूरी तरह से सूचना देने के बाद वे मिलने आए थे, लेकिन यहां बताया जा रहा है कि मंगलवार को मिलने की अनुमति नहीं है। एक साजिश के तहत उन्हें मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के डीएसपी ने तुगलकी फरमान जारी किया है। पुलिस अधिकारी निर्देश दे रहे थे कि जीतन राम मांझी को किसी भी हाल में मिलने नहीं देना है।
उन्होंने बताया कि इस मसले पर उन्होंने यहां के डीसी-एसपी तथा कई अधिकारियों से बात की। सबों ने कहा कि आज मुलाकात नहीं हो सकती। जेल मैनुअल में मुलाकात का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यहां अंग्रेजों का बनाया जेल मैनुअल काम कर रहा है। यह दुख की बात है। लालू प्रसाद बीमार हैं। उनसे कुशल क्षेम पूछकर लौट जाता। यदि मिलवा ही दिया जाता तो क्या बिगड़ जाता। यहां भाजपा की सरकार है। वह चाहती है कि लालू-जीतन की मुलाकात किसी भी सूरत में न हो। उन्होंने लालू प्रसाद के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने कहा कि गठबंधन एनडीए को सरकार में आने से रोकेगा। मुलाकात के लिए बिहार के पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह व नौशाद आलम भी पहुंचे थे। इन्हें भी नहीं मिलने दिया गया।
कोट::::::
जेल मैनुअल के अनुसार लालू प्रसाद से सिर्फ गुरुवार को ही मात्र तीन लोग मिल सकते हैं। रिम्स में सुरक्षा का जिम्मा डीसी-एसपी को है। वहां वे निर्णय ले सकते हैं।
अशोक चौधरी, जेल अधीक्षक।
---