Jharkhand: झारखंड के उग्रवादियों तक पहुंची चीन निर्मित AK-47, म्यांमार के रास्ते होती है सप्लाई
Made in China AK 47 Recovered from Naxalites उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ से मुठभेड़ के बाद गुदड़ी से बरामदगी हुई थी। म्यांमार के रास्ते सप्लाई होती है।
रांची/चाईबासा, जेएनएन। पश्चिमी सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित गुदड़ी के जंगलों में उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के साथ मुठभेड़ के बाद एक अस्थायी कैंप से पुलिस ने एके-47 बरामद की। चीन निर्मित इस एके-47 की बरामदगी के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं। अमेरिका, रूस, जर्मनी और म्यांमार आर्मी के हथियारों का कनेक्शन पूर्व में झारखंड से जुड़ता रहा है।
उग्रवादियों और माओवादियों से इन देशों के हथियार व गोलियां कई बार पुलिस बरामद कर चुकी है, लेकिन चीन निर्मित एके 47 झारखंड में पहली बार मिली है। गृह विभाग के एक वरीय अधिकारी के अनुसार उग्रवादियों के कैंप से मिली डायरी और उनसे पूछताछ कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि चीन के हथियार की सप्लाई उन तक कैसे पहुंची।
बहरहाल, चीन से वर्तमान तनाव के मद्देनजर उग्रवादियों तक चीनी हथियार की सप्लाई खतरनाक संकेत है। इससे पूर्व पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का नक्सलियों से नापाक गठजोड़ भी उजागर हो चुका है। जाहिर है विदेशी ताकतें भारत को अशांत करने की साजिश में उग्रवादियों को अपना मोहरा बना रही हैं।
म्यांमार से मणिपुर के रास्ते आ रहे अवैध हथियार
एनआइए ने एक नक्सल मामले की छानबीन के दौरान गत वर्ष यह खुलासा किया था कि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड का एक नागा नेता आखान सांगथम उर्फ निखान सांगथम म्यांमार से मणिपुर के रास्ते हथियारों की तस्करी करवा रहा है। नागालैंड के दीमापुर निवासी मुकेश सिंह व संतोष सिंह उसके सहयोगी हैं जो उग्रवादियों-अपराधियों तक हथियार पहुंचाते हैं।
गृह विभाग के एक अधिकारी के अनुसार पूरी संभावना है कि चीनी हथियारों की खेप म्यांमार, मणिपुर, नागालैंड, बंगाल होते हुए झारखंड तक पहुंची है। इसकी पूरी तफ्तीश की जा रही है। अभी जो जानकारी मिली है चाईबासा में रांची से चीन निॢमत असलहे पीएलएफआई उग्रवादियों तक पहुंचे हैं।
कई देशों के हथियारों के मिल चुके सुबूत
नक्सलियों के पास से इससे पूर्व अमेरिकन रायफल, अमेरिकी ग्रेनेड लांचर, पाकिस्तानी कारतूस, इंग्लैंड निॢमत स्प्रिंग रायफल आदि बरामद हो चुके हैं। झारखंड के नक्सलियों तक विदेशी हथियारों की सप्लाई रूट का राज्य की खुफिया एजेंसी से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) तक खुलासा कर चुकी है। एक बात तो साफ हो गया है कि पूर्वोत्तर के राज्यों के रास्ते ही झारखंड में नक्सलियों तक विदेशी हथियार आ रहे हैं। म्यांमार आर्मी के इस्तेमाल में आने वाला हथियार भी झारखंड में बरामद हो चुका है।
'अरुणाचल प्रदेश के उग्रवादियों का चीन से संपर्क रहा है। हो सकता है उन्हीं के माध्यम से चीनी हथियार झारखंड आया हो। भारत को अशांत करने की चीन की यह एक चाल हो सकती है, इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।' -गौरी शंकर रथ, पूर्व डीजीपी, झारखंड।