CAA Support: लोहरदगा में कर्फ्यू में 15 घंटे की ढील, अब तक 51 लोग गिरफ्तार
Jharkhand. लोहरदगा जिले में सामान्य हो रहे हैं हालात। जनजीवन को मिल रही है रफ्तार। बाजारों में बढ़ी रौनक। हिंसा मामले में कई लोगों से अभी भी पूछताछ चल रही है।
लोहरदगा, जासं। लोहरदगा में 23 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान पत्थरबाजी की घटना के बाद अब जनजीवन बहुत तेजी से सामान्य हो रहा है। लोहरदगा की बिगड़ी हालत लगभग सुधर गई है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जनजीवन को रफ्तार मिल रही है। हालात की समीक्षा के बाद प्रशासनिक निर्देश पर बुधवार को कर्फ्यू में 15 घंटे की ढील दी गई है। इसके बाद सुबह से ही बाजारों में रौनक है।
सूरज निकलने के साथ ही लोग सड़कों पर नजर आ रहे हैं। प्रशासन द्वारा गठित एसआइटी की टीम द्वारा बेहतर कार्य करते हुए हिंसा-बवाल के मामले में अब तक 51 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके अलावा कई लोगों से अभी भी मामले में पूछताछ चल रही है। लोहरदगा में बुधवार से कर्फ्यू में सुबह के 5:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे तक के लिए ढील दी गई है।
जबकि रात के 8:00 बजे से लेकर सुबह के 5:00 बजे तक लोहरदगा नगर शहरी क्षेत्र के अलावा कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी रहेगा। सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम अब भी जारी हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के जवान तैनात हैं। हर आने-जाने वाले पर पुलिस की नजर बनी हुई है। जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए लगातार शांति समिति की बैठक में भी हो रही है। कर्फ्यू में ढील के बाद से स्कूल-काॅलेज की गतिविधियां सामान्य हो चुकी है।
लोहरदगा में कर्फ्यू में ढील के समय यह है नियम
जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। इसकी शर्तें हैं
- किसी भी स्थल पर चार या चार से अधिक लोग एक साथ एकत्रित नहीं होंगे।
- कोई भी व्यक्ति पूर्व अनुमति के बिना न तो कोई सभा करेगा न जुलूस निकालेगा।
- कोई भी व्यक्ति जातीय, धार्मिक एवं भाषायी समुदाय के बीच मतभेद बढ़ाने वाला कार्य नहीं करेगा।
- कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की अफवाह नहीं फैलाएंगे, शांति व्यवस्था भंग करने वाले संदेशों का आदान-प्रदान नहीं करेंगे।
- कोई भी व्यक्ति किसी भी माध्यम से उत्तेजक भाषण का सम्प्रेषण नहीं करेगा।
- कोई भी व्यक्ति ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं करेगा।
- कोई भो व्यक्ति किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसाएगा या प्रोत्साहित करेगा। यह आदेश सिक्ख समुदाय के व्यक्तियों को कृपाण धारण करने तथा वृद्ध व्यक्तियों के लाठी लेकर चलने पर लागू नहीं होगा।
- कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप पर किसी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी का प्रसारण नहीं करेगा।
- कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थल, धर्मिक स्थल पर, सड़क या मकान की छत पर, ईंट-पत्थर का ढेर, कांच, बोत्तल इत्यादि एकत्रित नहीं करेगा।
- क्रम सं 1 एवं 2 शव यात्रा एवं विवाह पर लागू नहीं होगा।
- यह आदेश सरकारी कार्यों एवं विधि व्यवस्था के लिए तैनात व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा।