Jharkhand Lockdown: क्या लॉकडाउन के नाम पर लोगों को डरा रहे हैं हेमंत सोरेन? एंकर ने हड़काया...
Jharkhand Lockdown झारखंड में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी पाबंदियां लागू की हैं। सीएम ने कहा है कि हालात नहीं सुधरे तो आगे झारखंड में लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Lockdown झारखंड में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धारा 144, नाइट कर्फ्यू समेत लॉकडाउन सरीखी कड़ी पाबंदियां लागू की हैं। सीएम ने कहा है कि हालात नहीं सुधरे तो आगे झारखंड में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है। सरकार की ओर से जारी किए गए नए एसओपी के मुताबिक आज गुरुवार, 8 अप्रैल से रात 8 बजे के बाद तमाम प्रतिष्ठान सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगे। इधर छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को कम करने के लिहाज से राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है।
बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक टीवी चैनल पर कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार के फौरी इंतजामों की सूची लेकर हाजिर हुए। यहां एंकर ने पूछा- हालात नहीं सुधरे तो झारखंड में लगाया जायेगा लॉकडाउन? क्या ऐसा बोलकर हेमंत सोरेन लाॅकडाउन के नाम पर लोगों को डरा रहे हैं। एंकर ने कहा- हेमंत सोरेन साहब ने कल कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है? क्या वाकई में ऐसा करेंगे या केवल लोगों को थोड़ा डराने के लिए उन्होंने ऐसा कहा है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एंकर के सवाल के जवाब में कहा- लोगों को डराने की क्या आवश्यकता है। उन्हें डराने की कोई आवश्यकता ही नहीं है। सीएम के ऐसा कहने का तात्पर्य यह है कि हम किसी भी स्तर पर जाकर अपने राज्य के लोगों को इस कोविड-19 के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए कृत संकल्पित हैं। और, उसी के लिए हम सभी तरीके के एक्सरसाइज कर रहे हैं। चाहे वह बंदी करके हो, चाहे वह अस्पतालों को सुव्यवस्थित करके हो। हमें जहां पर यह महसूस हो रहा है कमी-खामी हो सकती है, या यह बीमारी स्प्रेड हो सकती है। तो हमको सभी चीजों पर बहुत गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरूरत है और कल माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में एक हाईप्रोफाइल बैठक हुई थी आपदा प्रबंधन की और उस बैठक में कई एक सारे निर्णय लिए गए थे।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि एक निर्णय तो यह लिया गया था कि रात 8:00 बजे के बाद जितने भी व्यवसायकि और सार्वजनिक प्रतिष्ठान हैं उसको बंद रखा जाएगा। ताकि कम से कम लोगों की आवाजाही हो, तो कम से कम लोग इस वैश्विक संकट को स्प्रेड करने से बचें। हमारी मंशा कोई यह नहीं है कि किसी को डराना धमकाना है। राज्य सरकार पूरी तरीके से जनता का, जनता के लिए, जनता के द्वारा शासन सुनिश्चित करने के लिए जनता की चुनी हुई सरकार है। इसलिए हम मजबूती के साथ इस बात से सहमत हैं।
कल भी मेरी आदरणीय है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आदरणीय हर्षवर्धन जी से लंबी बातचीत भी हुई है और मैंने उनसे भी बहुत सारी चीजों के लिए प्रार्थना किया और यह भी कहा है कि जो भी आइसीएमआर, जो भारत सरकार के गाइडलाइन होंगे, हम उसका अक्षरश: पालन करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा विभाग है जो राजनीतिक रूप से काम नहीं करता। यह विभाग मानवीय दृष्टिकोण का विभाग है।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि निश्चित तौर पर देश में फेडरल गवर्नमेंट है। और, भारत सरकार और राज्य सरकार में हो सकता है कि राजनीतिक मतांतर हो सकते हैं। लेकिन मानवीय हित पर और जनहित पर और कहीं पर भी एक दूसरे के साथ हम परस्पर संबंध स्थापित करेंगे और मानव हित और जनहित को सर्वोपरि मानकर काम करेंगे। एंकर ने जब पूछा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 10 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। ऐसे में अब हर आदमी के मन में यह सवाल है कि कहीं उनके शहर में तो ऐसी स्थिति नहीं हो जाएगी। झारखंड में तो ऐसे हालात नहीं है कि लॉकडाउन लगाना पड़ेगा?
इसके जवाब में बन्ना गुप्ता ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने इसलिए कहा है कि हम तो हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी की तरह अचानक घोषणा नहीं करते। हम तो हमारे मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है कि कहीं पर भी जो भी हमारे झारखंड वासी हैं मजदूर हैं या झारखंडी भाई हैं वह चाहते हैं तो समय-समय पर वह सारी चीजों का मूल्यांकन करें और कोई भी फैसला हम जल्दबाजी में न करें। आपाधापी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहते हैं। हम वही निर्णय करेंगे जो जनहित और राज्य हित का निर्णय होगा।
बन्ना गुप्ता ने कहा- माननीय मुख्यमंत्री जी ने ऐसा इसलिए कहा है कि राज्य की जनता इस को लेकर सचेत हो और हमने हर जगह पर 144 वगैरह भी लगाए हैं। ताकि 5 से ज्यादा लोग कहीं जुटे नहीं। शादी ब्याह या श्राद्ध के कार्यक्रम में 200 से ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं हो। तो हम लगातार यह प्रयास में हैं, लॉकडाउन तो सबसे पहले आदरणीय प्रधानमंत्री ने लगाया था। सबने देखा कि जो देश में लॉकडाउन लगाया था उसका क्या फलाफल हुआ।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तब लॉकडाउन लगाने के पीछे जो प्रधानमंत्री की नियत थी या जो उनकी नीति थी वह कहीं ना कहीं फेल हुई थी। हो सकता है परिस्थिति के अनुसार उन्होंने यह फैसला किया। हालांकि हमारा यह मानना है कि वर्तमान में हम एक साथ मिलजुल कर काम कर रहे हैं। इस पर एंकर ने सवाल दागते हुए कहा कि एकतरफ आप फेडरल सिस्टम में मिलजुलकर काम करने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ आप प्रधानमंत्री की नीति और नियत पर सवाल उठा रहे हैं। इस पर बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है। इस बीच चर्चा में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव भी जुड़ गए।