CM रघुवर की सुरक्षा में चूक, अलर्ट के बाद भी पुलिस सतर्क नहीं Ranchi News
Jharkhand. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले को लेकर जिलों के अधिकारियों को चेताया है। कहा- सीएम के प्रस्तावित कार्यक्रमों में भविष्य में ऐसी चूक न हो।
रांची, राज्य ब्यूरो। खूंटी में गुरुवार को मुख्यमंत्री की सभा में सुरक्षा को लेकर बड़ी खामी सामने आई। यहां सीएम के कार्यक्रम के दौरान अनियंत्रित भीड़ सुरक्षा घेरा तोड़कर मंच के करीब पहुंच गई थी। ये हाल तब था जब पहले ही खुफिया स्रोत से पुलिस के पास यह इनपुट था कि नक्सली सीएम के कार्यक्रम में व्यवधान पैदा कर सकते हैैं। सुरक्षा में चूक को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लेते हुए तमाम जिलों को सतर्क किया है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली रांची की सीमा से सटे जंगलों में योजनाबद्ध तरीके से किसी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैैं। इस सूचना पर जब कार्रवाई हुई तो दशम घाटी में उग्रवादी और सुरक्षा बल आमने-सामने हुए और इस मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जवान शहीद हो गए। विधानसभा चुनाव नजदीक है। मुख्यमंत्री प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जनसभाएं कर रहे हैं।
उधर ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सली खतरा टला नहीं है। इसके बावजूद गुरुवार को खूंटी की सीएम की जनसभा में सुरक्षा संबंधित चूक सामने आई है। मुख्यमंत्री की जनसभा में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल का नहीं होना, महिला पुलिसकर्मियों की संख्या जरूरत से बहुत कम होना गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि भविष्य में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम जहां भी होगा, वहां सुरक्षा संबंधित चूक नहीं होनी चाहिए।
डेढ़ माह पूर्व ही खुफिया विभाग ने दी थी रांची-खूंटी सीमा पर नक्सलियों की सक्रियता की जानकारी
रांची-खूंटी सीमा पर नक्सलियों की सक्रियता की खुफिया सूचना मिली थी। खुफिया विभाग ने इस सूचना से रांची के एसएसपी व खूंटी के एसपी को भी अवगत कराते हुए ठोस कार्रवाई की अनुशंसा की थी। विशेष शाखा के स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआइबी) के एसपी ने 16 अगस्त को इस संबंध में पत्राचार किया था।
बताया था कि भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का अज्ञात दस्ता 07-08 की संख्या में तमाड़ थाना क्षेत्र के कांडेरदा गांव में तंबू लगाकर जमा हुआ है। यह स्थल कुचाई व तमाड़ के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। इस सूचना के बाद डेढ़ माह बाद तक उक्त क्षेत्रों में पुलिस की सक्रियता नहीं बढ़ी, जिसका फायदा नक्सलियों ने उठाया। नक्सली सक्रिय रहे, जिसका परिणाम यह रहा कि पुलिस को नुकसान उठाना पड़ा।