चारा घोटाला: लालू को दो अलग-अलग धाराओं में 14 साल की सजा, 60 लाख जुर्माना
दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू यादव काे सात साल की सजा सुनाई गई और 30 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया।
रांची, जेएनएन। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद और ओपी दिवाकर को आइपीसी की धारा में सात वर्ष की सजा और 30 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। वहीं पीसी एक्ट की धारा में सात वर्ष की सजा और 30 लाख जुर्माना लगाया गया है। ऐसे में इन दोनों को 14 वर्ष की सजा काटनी होगी और 60 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 19 दोषियों को सजा सुनाई अदालत ने सप्लायर को साढ़े तीन वर्ष की सजा और 15 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। वहीं डॉक्टर व अधिकारी को पीसी एक्ट की धारा में साढ़े तीन वर्ष और आईपीसी की धारा में साढ़े तीन वर्ष कुल 7 वष की सजा और जुर्माने के रूप में 15-15 लाख रुपए लगाया गया है। कुल जुर्माना 30 लाख रुपए होगा। अदालत ने कहा है कि आईपीसी और पीसी एक्ट में सुनाई गई सजा अलग-अलग चलेगी।
दोषियों का नाम सजा जुर्माना
1. लालू प्रसाद 14 साल 60 लाख
2. ओपी दिवाकर 14 साल 60 लाख
3. रघुनन्दन प्रसाद 7 साल 30 लाख
4. डॉ विमलकातदास 7 साल 30 लाख
5. के के प्रसाद 7 साल 30 लाख
6. मोनोरंजन 7 साल 30 लाख
7. नन्द किशोर 7 साल 30 लाख
8. एस के दस 7 साल 30 लाख
9. पंकज मोहन 7 साल 30 लाख
10. पुलचंद 7 साल 30 लाख
11. डा पीताम्बर 7 साल 30 लाख
12. राधा मोहन 7 साल 30 लाख
13. अरुण कु सिंह 3.5 साल 15 लाख
14. एम एस बेदी 3.5 साल 15 लाख
15. नरेश प्रसाद 3. 5 साल 15 लाख
16. आर के बजरिया 3.5 साल 15 लाख
17. राजकुमार 3.5 साल 15 लाख
18. अजित कु शर्मा 3.5 साल 15 लाख
19. गोपी नाथ 3.5 साल 15 लाख
झारखंड के दुमका कोषागार से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि अवैध तरीके से निकालने के मामले में लालू यादव को रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने दोषी माना है। कोर्ट ने 31 में से 19 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिसमें लालू यादव भी शामिल हैं। सजा के ऐलान के लिए कोर्ट ने 21, 22 और 23 तारीख को सुनवाई कर सजा सुनाने का फैसला किया था।
गौरतलब है कि 19 मार्च को कोर्ट ने दुमका ट्रेजरी से फर्जी बिल बनाकर करोड़ों रुपये की निकासी करने के मामले में आरोपी बनाये गये 31 लोगों में से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया था। वहीं, बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र समेत 12 लोगों को बरी कर दिया गया था। उधर लालू प्रसाद कई बीमारियों से ग्रसित हैं और वह रांची रिम्स में भर्ती हैं।