लालू प्रसाद यादव बीमार, रिम्स की चिंता कैसे होगा उपचार
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव मधुमेह, किडनी व गेस्ट्रो की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इनके विशेषज्ञ नहीं हैं।
रांची, प्रभात गोपाल झा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत अवधि खत्म हो गई है। 30 अगस्त को उन्हें रांची स्थित सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर करना है। यहां से उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेजा जाएगा या राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स। सेहत को देखते हुए पूरी संभावना है कि उन्हें राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में एडमिट किया जाए। इस खबर से रिम्स प्रबंधन के हाथ-पांव फूल रहे हैं। वजह लालू को जो बीमारियां हैं उसके उपचार के लिए उनके पास उचित व्यवस्था ही नहीं।
लालू के शुगर लेवल में खतरनाक तरीके से उतार-चढ़ाव होता है। किडनी की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इसके इलाज के लिए रिम्स में किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट), मधुमेह रोग विशेषज्ञ (डायबिटोलॉजिस्ट) और उदर रोग विशेषज्ञ (गेस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट) नहीं हैं। ऐसे में लालू की तबीयत अगर बिगड़ी तो रिम्स प्रबंधन को बदनामी चिंता सता रही है। हाई कोर्ट को भी इसका भान है। अदालत ने एशियन हार्ट इंस्टीच्यूट के डॉक्टरों से संपर्क में रहने का निर्देश रिम्स प्रबंधन को दिया है। लालू का इलाज यहीं हुआ है।
15 बीमारियों की है लंबी लिस्ट
एम्स से जब लालू मई महीने में डिस्चार्ज होकर रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराए गए तो उस समय वह 15 बीमारियों से जूझ रहे थे। इन 15 बीमारियों में टाइप टू डायबिटीज, हाइपरटेंशन, पेरिएनल एब्सेस, किडनी इंज्यूरी एंड क्रोनिक किडनी डिजीज, बाएं आंख में मोतियाबिंद, वॉल्व रिप्लेसमेंट और फैटी लीवर शामिल थे।
तब एम्स के सुझावों पर किया था इलाज
रिम्स के मेडिसीन विभाग के डॉ. उमेश प्रसाद और अन्य डॉक्टरों ने की टीम ने मई महीने में लालू प्रसाद का इलाज किया था। इस सिलसिले मेंं जब डॉ. उमेश प्रसाद से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उस समय भी उन लोगों ने एम्स की ओर से दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए इलाज किया था। रिम्स के डायरेक्टर डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि हम लोग एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों से संपर्क में हैं। उसके आलोक में इलाज किया जाएगा। कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन होगा।