कुंदन पाहन का केस नहीं लड़ेगा कोई भी अधिवक्ता
अधिवक्ताओं ने कहा कि कुंदन कुख्यात नक्सली है। वह मानवता का दुश्मन है।
जागरण संवाददाता, रांची। कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन के ससम्मान सरेंडर के खिलाफ रांची जिला बार एसोसिएशन खुलकर सामने आ गया है। एसोसिशन ने न सिर्फ कुंदन के सरेंडर की भर्त्सना की बल्कि आम सहमति से कुंदन पाहन के मामलों में अदालत में पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया। विधिवत इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक का संचालन एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने किया।
अधिवक्ताओं ने कहा कि कुंदन कुख्यात नक्सली है। वह मानवता का दुश्मन है। उसके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में हत्या, लूट, दुष्कर्म, अपहरण, हथियार लूटने के अनेक मामले लंबित हैं। वह विधायक रमेश सिंह मुंडा, सांसद सुनील महतो के अलावा कई पुलिसकर्मियों व आम लोगों की हत्या में संलिप्त रहा है। सरकार की ओर से सरेंडर पॉलिसी के तहत उसे 15 लाख रुपये का चेक देकर महिमा मंडित किया जाना गलत है। ऐसे
नक्सलियों को इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने से समाज के युवा दिग्भ्रमित होकर अपराध की ओर बढ़ेंगे। झारखंड हाई कोर्ट द्वारा कुंदन पाहन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने व हाई कोर्ट के एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव द्वारा किए गए कार्य का समर्थन किया गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्वत: संज्ञान संबंधी वाद में रांची जिला बार एसोसिएशन की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की जाएगी। इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता के संदर्भ में सीबीआइ जांच की मांग की जाएगी।
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