कुमार गर्ल्स हॉस्टल का किचन सील, मेन गेट के लिए पखवारे भर की मोहलत
हास्टल संचालक ने नगर निगम को आवेदन देकर समय देने की लगाई थी गुहार। जागरण संवाददाता
- हास्टल संचालक ने नगर निगम को आवेदन देकर समय देने की लगाई थी गुहार
जागरण संवाददाता, रांची : रांची नगर निगम ने लालपुर में पीस रोड स्थित कुमार गर्ल्स हास्टल के किचन को सील कर दिया जबकि गर्ल्स हॉस्टल के मेन गेट को सील करने के लिए हास्टल के संचालक भारतेंदु कुमार और संचालिका शशि कला देवी को 15 दिन की मोहलत दी गई है। हास्टल में लड़कियां हैं और लड़कियों के आवागमन के लिए यही एक मुख्य द्वार है। हास्टल संचालक ने नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार को एक आवेदन देकर मांग की थी कि मेन डोर को सील नहीं किया जाए। मेन डोर सील होने से हास्टल की लड़कियों को आने-जाने में दिक्कत होगी। वह जल्द ही व्यवस्था कर लेंगे। इसके बाद डोर को सील किया जाए। नगर आयुक्त ने लड़कियों को होने वाली समस्या को ध्यान में रखते हुए हास्टल संचालक को 15 दिन की मोहलत दे दी। रांची नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हास्टल के मेन डोर को 15 दिन बाद सील किया जाएगा। गौरतलब है कि रांची नगर निगम से स्वीकृत नक्शे के हिसाब से ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग होनी चाहिए थी। लेकिन नक्शा विचलन कर यहां हास्टल का मेस, कार्यालय, वार्डन रूम, गेस्ट रूम आदि का निर्माण किया गया है। रांची नगर निगम ने संचालक को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद नगर निगम में केस चला और नगर आयुक्त ने ग्राउंड फ्लोर को सील करने के निर्देश दिए। निगम की टाउन प्लानिग शाखा ने सोमवार को हास्टल के ग्राउंड फ्लोर को सील कर दिया। मेन डोर व किचन को उस दिन सील नहीं किया जा सका। किचन में खाना बन रहा था और लड़कियां मौजूद थीं। लड़कियों ने नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि किचन सील हो जाएगा तो खाने-पीने की दिक्कत हो जाएगी। इसके बाद बुधवार को रांची नगर निगम के टाउन प्लानिग शाखा के अधिकारी हास्टल पहुंचे और किचन को सील कर दिया। जबकि मेन डोर को अब 15 दिन बाद सील किया जाएगा।
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पीस रोड पर कई इमारतों में नक्शा विचलन
इलाके के लोगों का आरोप है कि पीस रोड पर नक्शा विचलन कर कई इमारतों का निर्माण कराया गया है। पीस रोड इलाके के रोहित सिंह बताते हैं कि इलाके में कई इमारतें एफएआर का उल्लंघन कर बनाई गई हैं। नगर निगम से कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि बड़ी इमारतों के आसपास उतनी जगह नहीं है जितनी एफएआर के लिए चाहिए। इसके बाद भी पता नहीं कैसे ये बिल्डिग बन गईं।