GAIL: जानें, कब तक आपके घर पाइपलाइन से पहुंचेगी रसोई गैस
GAIL. पाइपलाइन के जरिए रसोई गैस पहुंचाने का लक्ष्य मार्च 2019 रखा गया था लेकिन मुख्य पाइप लाइन राजधानी में नहीं पहुंची। कैशकेड से वितरण के लिए आपूर्तिकर्ता भी तय नहीं हो पाए।
रांची, जासं। पाइपलाइन के जरिए रसोई गैस की सप्लाई के लिए अभी शहरवासियों को लंबा इंतजार करना होगा। अधिकारियों की मानें तो मुख्य पाइपलाइन से सप्लाई साल के अंत तक ही संभव हो पाएगा। क्योंकि अभी शहर तक मुख्य गैस पाइप लाइन लाने की व्यवस्था ही नहीं हो पाई है। वहीं कैशकेड से आपूर्ति पर भी अभी बात नहीं बन पाई है और इसके लिए आपूर्तिकत्र्ता का चयन नहीं हो पाया है।
गेल ने कैशकेड के माध्यम से मार्च तक आपूर्ति की घोषणा की थी। लेकिन कैशकेड का आपूर्तिकत्र्ता कौन होगा। अभी चयन नहीं कर पाई है। गेल के अधिकारी ने बताया कि जब तक आपूर्तिकर्ता और कीमत का निर्धारण नहीं हो जाता है गैस की सप्लाई संभव नहीं है। प्रबंधन इसके लिए कोशिश कर रहा है और अप्रैल के बाद ही यह संभव हो पाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्य पाइप लाइन बिछाने का काम बिहार में गया से आगे पहुंच गया है। यह पाइप लाइन बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़, और चतरा होते हुए रांची पहुंचेगा।
क्या फंसा है पेच
पहले चरण में रांची के मेकॉन कॉलोनी में 1409 घरों और जमशेदपुर के सोनारी में 869 घरों में गैस के सप्लाई की योजना है। दोनों जगहों पर पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। लेकिन गेल अभी यह तय नहीं कर पाया है कि मुख्य लाइन का काम पूरा होने तक गैस की आपूर्ति कहां से होगी। वैक्लपिक कैशकेड के माध्यम से सप्लाई होगी तो उसका आपूर्तिकर्ता कौन होगा? उसकी कीमत क्या होगी?
गेल की ओर से पांच साल में राज्य के 55 हजार घरों तक पाइप लाइन के माध्यम से गैस पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 30 हजार रांची और 25 हजार घर जमशेदपुर के हैं। मुख्य पाइप लाइन के रांची पहुंचते ही कांटाटोली, लालपुर, कांके रोड जैसी घनी आबादी के क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने की योजना है।
क्या है कैशकेड
कैशकेड एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें गैस को एक कंटेनर में स्टोर किया जाता है। इसके बाद यहां से गैस की सप्लाई की जाती है।