Indian Railways: पार्सल से हाथी गायब तो मिलेगा 6हजार, घोड़ा खोया तो 3हजार; जानें रेल का खेल
Indian Railways. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय रेल पार्सल में बुक किए गए महंगे- सस्ते कंसाइनमेंट खो जाने पर वजन के आधार पर प्रति किलो 50 रुपये की दर पर क्लेम देती है।
रांची, [जागरण स्पेशल]। भारतीय रेल। मतलब देश की लाइफलाइन। आकार में विश्व में चौथी सबसे बड़ी रेलसेवा। मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रेलवे के लिए ट्रेनों के पार्सल में बुक किए गए महंगे- सस्ते सारे कंसाइनमेंट एक भाव के ही हैं। यहां पार्सल में बुक किए गए सामान खो जाने पर वजन के आधार पर सिर्फ प्रति किलो 50 रुपये की दर पर क्लेम देने का प्रावधान है। भले ही आपने हीरा-पन्ना ही क्यों न बुक किया हो। पर्सनल लगेज गायब होने के मामले में भरपाई की दर 100 रुपये प्रति किग्रा. के हिसाब से तय की जाती है। जबकि हाथी गायब हो जाने पर छह हजार और घोड़ा खो जाने पर तीन हजार रुपये दिए जाते हैं।
वर्ष 1990 के बनाए नियमों के मुताबिक पार्सल भेजने वाले भुक्तभोगी को ट्रेन से हाथी गायब होने पर छह हजार रुपये प्रति हाथी और घोड़ा खोने पर महज तीन हजार रुपये प्रति घोड़ा दिए जाने का प्रावधान है। हाथी, घोड़ा के अलावा उंट व दूसरे सिंग वाले जानवरों के मामले में भरपाई की दर 800 रुपये प्रति जानवर रखी गई है। कुत्तों, गदहों, बकरियों, सुअरों, भेड़ों अथवा दूसरे जानवरों व पक्षियों के लिए 120 रुपये की दर से वित्तीय दायित्व का भुगतान किया जाता है। हालांकि, आपको ट्रेन से सामान पार्सल करवाना है तो रेलवे के नियमों को पालन करना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर भारतीय रेलवे इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
ये हैं भारतीय रेल में बुक पार्सल खाेने पर भरपाई के नियम
- व्यक्तिगत सामान के रूप में बुक किए गए सामान खाेने पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम
- पशुओं और व्यक्तिगत सामान के अलावा परेषण के संबंध में 50 रुपये प्रति किलोग्राम
- हाथी के मामले में 6000 रुपये प्रति हाथी, घोड़ों के मामले में 3000 रुपये प्रति घोड़ा
- खच्चरों, सिंघ वाले जानवरों अथवा उंटों के मामले में 800 रुपये
- कुत्तों, गदहों और बकरियों, सुअरों, भेड़ों अथवा जानवरों, पक्षियों के लिए 120 रुपये
चलती ट्रेन में पार्सल से उड़ा लिया था 30 लाख का सामान
बता दें कि बीते दिन रांची के हटिया स्टेशन आने वाली ट्रेनों में से एक एलटीटी-हटिया एक्सप्रेस के पार्सल यान से 30 लाख रुपये का सामान उड़ा लिया गया था। पार्सल से सामान उड़ाने का यह खेल चलती ट्रेन में किया गया है। चोरों ने बड़ी सफाई से कटर की मदद से लोहे की शीट को काटकर सामान पार कर लिया। पार्सल यान से इलेक्ट्रॉनिक, कपड़े और आर्टिफीशियल ज्वैलरी की चोरी हुई है। बीते तीन वर्षों में चोरों ने ऐसे 44 मामलों को अंजाम दिया है। जबकि रेलवे इन महंगे सामानों के एवज में वजन के हिसाब से 50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर भरपाई करता है।
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