Move to Jagran APP

आसान है एप लोन के दलदल में फंसना, जानें कैसे बच सकते है फर्जी एप से Ranchi News

हमारे मोबाइल के प्ले स्टोर में कई ऐसे एप हैंजो कम समय से लेकर बड़ी अवधि के लिए लोन देने का दावा करते हैं। ऐसे में किसी मोबाइल एप को अपने बैंक की जानकारी देना खतरे से खाली नहीं है।

By Divya KeshriEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 01:24 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 01:24 PM (IST)
आसान है एप लोन के दलदल में फंसना, जानें कैसे बच सकते है फर्जी एप से Ranchi News

रांची, जासं। बढ़ती मंहगाई में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों को बैंक से होम लोन या पर्सनल लोन लेना पड़ता है। वहीं हमारे मोबाइल के प्ले स्टोर में कई ऐसे एप भी हैं, जो कम समय से लेकर बड़ी अवधि के लिए लोन देने का दावा करते हैं। ये मोबाइल एप केवल एक दो दस्तावेजों के आधार पर लोन देने के लिए तैयार हो जाते हैं। मगर इन एप से लोन लेना जितना आसान है उसे चुकाना उतना ही मुश्किल है। साथ ही एप के नाम पर फर्जीवाड़े का भी खतरा रहता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट विनय चौधरी ने बताया कि एप से लोन लेना गलत नहीं है, मगर इसके लिए हमेशा किसी अच्छे बैंक या कंपनी के एप का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

loksabha election banner

एप से लोन में क्या है दिक्कत 

लोग कागजों के झंझट से बचने के लिए बैंक के बजाय एप से लोन ले लेते हैं। कई एप ऐसे हैं जो पांच सौ से लेकर एक हजार तक के लोन आसानी से एक मिनट में दे देते हैं। विनय चौधरी बताते हैं कि अर्थ की जगत में कुछ भी फ्री नहीं होता। इतनी आसानी से मिलने वाले लोन की एवज में एप मोबाइल में कई एक्सेस लेते हैं। इसकी इजाजत हम एप को टर्म एंड कंडीशन में अनजाने में उसे दे देते हैं। इसके साथ ही एप हमारे बैंक की डिटेल और पिन भी एक्सेस करने लगते हैं।

कितना और कैसे मिलता है लोन

  • मार्केट में मौजूद कई मोबाइल एप लोन पांच सौ से लेकर 15 लाख तक का लोन दे रहे हैं। 
  • वो 12 प्रतिशत से 24 प्रतिशत तक ब्याज दर लेते हैं। 
  • ये लोन 15 दिनों से लेकर पांच साल की अवधि के लिए दिया जाता है। 
  • लोन की लिमिट, अवधि और ब्याज सब कंपनी और एप के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।

कई एप पर नहीं है आरबीआई का कंट्रोल 

विनय चौधरी बताते हैं कि कई लोन एप हैं, जिनपर आरबीआई का कोई सीधा कंट्रोल नहीं है। साथ ही वो आरबीआई की गाइडलाइन मानने के लिए बाध्य भी नहीं हैं। इसे समझाते हुए उन्होंने कहा कि बैंक और एनबीएफसी मौद्रिक लेन-देन से पहले अपने आप को आरबीआई में रजिस्टर करवाती हैं। हम एप से लोन लेना किसी साहूकार से लोन लेने के जैसा है। इसे पर्सनल कॉंटेक्ट से लिया हुआ लोन समझा जा सकता है। ऐसे में लोन की उगाही के लिए कई बार कंपनियां ग्राहकों को बुरी तरह से परेशान भी करती हैं। 

कैसे मिलता है लोन

  • एप से लोन लेने के लिए केवल आधार और पैन कार्ड अपलोड करना होता है। 
  • आधार और बैंक से जुड़ा हुआ एक मोबाइल नंबर देना होता है।  
  • ई-मेल आइडी, सैलरी स्लिप, बैंक एकाउंट नंबर, बैंक कोड, छह महीने का बैंक स्टेटमेंट और क्रेडिट स्कोर भी देखा जाता है। 
  • इसके लिए फॉर्म भी ऑनलाइन भरा जाता है। ग्राहक और कंपनी का आपस में मिलना नहीं होता है। 
  • ये भी एप से लोन की बड़ी लुपहोल है। लोन की किस्त काटने के लिए लोन को बैंक एकाउंट से जोड़ दिया जाता है।

कंपनी लोन उगाही के लिए क्या कर सकती है

  • कंपनी किसी भी सूरत में लोन उगाही के लिए गाली-गलौज या मारपीट नहीं कर सकती।
  • कंपनी किसी प्रकार की जोर जबर्दस्ती नहीं कर सकती। पेनाल्टी लगा सकती है। पेनाल्टी की रकम कितनी होगी यह कंपनी पर निर्भर करता है। कुछ कंपनियां 200 से 1000 रुपये तक की पेनाल्टी लगा सकती हैं।
  • कंपनी के पास वक्त पर लोन नहीं जमा करने का कारण पूछने का हक है।
  • कंपनी कोर्ट के जरिये संपत्ति जब्त कर, गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।
  • कंपनी निगेटिव रिपोर्ट भेज सकती है।

 एप डाउनलोड करते समय रखें ख्याल 

  • एप के टर्म एंड कंडीशन को पूरा पढ़कर इसकी इजाजत दें।
  • आरबीआइ के गाइडलाइन में आने वाली कंपनी को लोन के लिए चुने।
  • एप में अपना डेट ऑफ बर्थ, सीवीसी और एटीएम पीन कभी न दें।
  • लोन के ब्याज दर और नियम की अच्छे से जानकारी लें।

केस - 1

उमेश तिग्गा प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। करीब एक महीने पहले वो विनय चौधरी से मिले। उन्होंने एक एप से लोन लिया था। लोन की राशि काफी कम थी। जिसे उन्होंने एक साल में चुका दिया था। मगर फिर भी उनके एकाउंट से लोन की किस्त कट रही थी। एप के ऑफिस का कोई पता नहीं है। ऐसे में एप के जरिये शिकायत करने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था।

केस - 2

प्रीति कुमारी कॉलेज छात्रा हैं। उन्होंने फ्री लोन मिलने का एक ऑफर मैसेज मिला। एप में उनके एकांउट की जानकारी मांगी गयी और वादा किया गया कि लोन के पैसे उसमें क्रेडिट कर दिये जायेंगे। एप में डेबिट कार्ड का नंबर और सीवीसी भी मांगा गया। एप में जानकारी देने के कुछ घंटों में ही उनके एकाउंट के सारे पैसे निकाल लिये गये। हालांकि उनके एकाउंट में ज्यादा पैसे नहीं थे इसलिए नुकसान बहुत नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें-मत पालिये भ्रम, स्वच्छता सिर्फ कोरम; अस्वच्छ गांवों को बांट दिया प्रमाणपत्र Ground report


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.