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मेरे दो अनमोल रतन...जानिए आखिर क्‍यों इतनी बड़ी है शिबू सोरेन की शख्सियत

Shibu Soren. झारखंड के गुरुजी दुमका से छह बार के सांसद शिबू सोरेन ने कहा कि राज्य को वाजिब हिस्सा मिलना चाहिए। पूरे देश को खनिज देने के बाद भी सामान्य व्यवहार हमें मंजूर नहीं है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 04:17 PM (IST)
मेरे दो अनमोल रतन...जानिए आखिर क्‍यों इतनी बड़ी है शिबू सोरेन की शख्सियत
मेरे दो अनमोल रतन...जानिए आखिर क्‍यों इतनी बड़ी है शिबू सोरेन की शख्सियत

रांची, प्रदीप सिंह। वे हर बात बेबाकी से बगैर लागलपेट के करते हैं। उम्र की थकान उनके चेहरे पर नहीं झलकती। गुरुजी (शिबू सोरेन) की मौजूदगी समर्थकों में उत्साह भरती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन का चमत्कार समर्थकों के सिर चढ़कर बोलता है। शुक्रवार को अपने 75वें सालगिरह के मौके पर समर्थकों की भारी भीड़ से घिरे शिबू सोरेन कहते हैं कि केंद्र सरकार झारखंड को स्पेशल पैकेज दे। राज्य के विकास के लिए यह जरूरी है।

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'दैनिक जागरण' संग खास बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार झारखंड के लिए कुछ नहीं कर रही है। बेहतर होगा कि राज्य को उसका वह हिस्सा मिला जिसका वह हकदार है। झारखंड के खनिज का लाभ पूरे देश को मिलता है तो झारखंड को सामान्य राज्य से बढ़कर कुछ मिलना चाहिए। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर विकास का रास्ता बनाना होगा। झारखंड देश को कुछ स्पेशल दे रहा है तो राज्य के लिए भी स्पेशल पैकेज देना चाहिए। राज्य सरकार के कामकाज से झामुमो प्रमुख संतुष्ट नहीं दिखते।

दाढ़ी सहलाते हुए वे कहते हैं-जितना विकास होना चाहिए, उतना नहीं हो पाया है। सबको मिलकर यह काम करना होगा। वे अशिक्षा को राज्य के लिए अभिशाप बताते हैं। बकौल शिबू, जबतक शिक्षित नहीं होंगे तबतक आदिवासियों का भला नहीं हो सकता। यह राज्य उनका है। जंगल, जमीन सब उसके पास है। यह समझना होगा कि आगे बढऩा है तो पढ़ाई-लिखाई करें। तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन जोर देकर कहते हैं कि कानून की बातें सिर्फ किताबों में है। सरकार ऐसी नहीं होती। लोगों तक कामकाज को पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है।

पैदा हुए जंगल में, महाजनों ने शोषण किया : झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष अपने संघर्ष के दिनों को कभी नहीं भूलते। वे बताते हैं कि जीवन में कहानी ही कहानी है। जंगल में पैदा हुए। महाजनों ने शोषण किया तो उससे लड़े। बहुत सारे लोग एमएलए-एमपी बने लेकिन अलग झारखंड की लड़ाई उन्होंने छेड़ी। तब सरकारों ने भी बहुत घेराबंदी की लेकिन आम लोगों के सहयोग से उन्होंने अलग राज्य का गठन कराने में कामयाबी पाई। वे इसे सपनों का राज्य बनाने चाहते हैं जहां के लोग खुशहाल और समृद्ध हों।

34 लाख 70 हजार नए सदस्यों का तोहफा : झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने शुक्रवार को 75वां जन्मदिन मनाया। संगठन की ओर से उनके लिए तोहफा बने पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत बने 34.70 लाख नए सदस्य। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 10 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक सदस्यता अभियान चला घोषणा की थी कि 50 लाख नए सदस्यों का तोहफा 11 जनवरी को शिबू सोरेन के जन्मदिन के मौके पर दिया जाएगा। हालांकि लक्ष्य से पार्टी थोड़ा पीछे रही।

इस दौरान रसीद काटकर 34 लाख 70 हजार नए सदस्य बनाए गए जबकि आनलाइन सदस्य बनने वालों की संख्या छह लाख बीस हजार रही। शुक्रवार को मोरहाबादी स्थित उनके सरकारी आवास पर उमड़े कार्यकर्ता अपने साथ 75 पौंड का केक लेकर पहुंचे थे। इस दौरान आतिशबाजी भी हुई। कुछ कार्यकर्ता घोड़े लेकर भी पहुंचे। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन इस दौरान मौजूद थे।


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