मेघा डाल्टन के गीतों संग खादी की सर्द शाम हुई सुहानी
खादी मेले में जुट रही भीड़, तरह-तरह के हस्तशिल्प व देसी उत्पादों के लगे हैं स्टॉल
जागरण संवाददाता, रांची : खादी एवं सरस मेले में गुरुवार की शाम मेघा डाल्टन के गीतों पर दर्शक खूब झूमे। सर्द शाम सुहानी हो गई। मुंबई से चलकर रांची आई मेघा ने कई गीत पेश किए। नागपुरी, खोरठा से लेकर कुड़ुख तक। कोक स्टूडियो गाए गीत पर तो झुमा ही दिया। झारखंड के खेल गीत को भी पेश किया। धीरे-धीरे, शिवाय सांग भी सुनाया। मेघा मूल रूप से डालटनगंज की हैं। इन दिनों वे मुंबई में रह रही हैं। अभी हाल में वह लिटिल चैंप में जज की भूमिका में थी। इसके पूर्व भी गीत-संगीत के कई कार्यक्रम हुए। राजस्थान, गुजरात और झारखंड के कलाकारों ने झुमाया। झारखंडी कलाकारों ने छऊ नृत्य पेश किया। 11 बजे से ही आवाजाही शुरू मेले में 11 बजे से ही लोगों का आना-जाना शुरू हो जा रहा है। दो बजे तक मेले में भीड़ काफी बढ़ जा रही है। चार से रात नौ बजे तक भीड़ पूछना ही नहीं। खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने बताया कि अब तक मेले में करीब पौने चार लाख लोग आ चुके हैं। मेले में करीब 1300 से ऊपर स्टाल लगा हुआ है।
खादी संस्थाओं के स्टाल
मेले में झारखंड और दूसरे राज्यों के खादी संस्थाएं भी आई हैं। चाइबासा, कोल्हान से लेकर अनगड़ा, पिस्का मोड़, उत्तराखंड, ऋषिकेश आदि की संस्थाएं यहां आई हुई हैं। उत्तराखंड के कई स्टाल यहां हैं। खादी के ऊलेन कपड़े मिल रहे हैं। विश्वनाथ साहनी ने बताया कि यार्क के ऊन का शाल भी है। कश्मीरी साड़ियां भी मेले में कश्मीरी साड़ियां, सिल्क आदि भी हैं। 1800 सौ रुपये से लेकर सात हजार रुपये तक। कश्मीर के स्टाल भी हर हैंगर में हैं। यही नहीं, यहां कश्मीर का ड्राइ फूड भी यहां मिल रहा है। धार्मिक संस्थाओं के स्टॉल यहां धार्मिक संस्थाओं के स्टाल भी है। विहंगम योग के स्टाल पर नौ सौ रुपये किलो च्यवनप्राश है। इसके साथ धार्मिक किताबें भी हैं। रामकृष्ण मिशन का भी स्टाल है। ईश्वरीय विवि का भी स्टाल लगा हुआ है, जहां संस्थाओं की धार्मिक गतिविधियों की जानकारी दी जा रही है।