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रांची में जुटीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाएं, सीएम आवास घेरने से पहले राजभवन के पास रोका

शिक्षिकाएं वार्डेन व अन्य कर्मी मोरहाबादी मैदान में जमा होकर जुलूस के शक्ल में रेडियम रोड कचहरी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े लेकिन उन्हें राजभवन के पास रोक दिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:36 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:36 PM (IST)
रांची में जुटीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाएं, सीएम आवास घेरने से पहले राजभवन के पास रोका
रांची में जुटीं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाएं, सीएम आवास घेरने से पहले राजभवन के पास रोका

रांची, राज्य ब्यूरो। स्थायीकरण, नियमावली बनाने, 50 फीसद मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूलों की वार्डेन तथा शिक्षिकाएं शुक्रवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में जुटीं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कर्मी संघ के बैनर तले राज्यभर की शिक्षिकाएं, वार्डेन व अन्य कर्मी मोरहाबादी मैदान में जमा होकर जुलूस के शक्ल में रेडियम रोड, कचहरी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े, लेकिन उन्हें राजभवन के पास ही रोक लिया गया। शिक्षिकाएं तथा अन्य कर्मियों ने राजभवन के पास ही धरना दिया तथा सभा को संबोधित किया।

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बाद में संघ के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल तथा मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव रामाकांत सिंह के साथ वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने इनकी सभी मांगों पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षिकाओं की मांगों को लेकर गंभीर हैं और उनकी सभी मांगों पर विचार की जा रही है। संघ ने इसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह को भी ज्ञापन सौंपा।

इधर, शिक्षिकाओं के रांची में जुटान से कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पठन-पाठन शुक्रवार को प्रभावित रहा। वहीं, संघ की अध्यक्ष रोहिणी प्रसाद ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होगी, तो उन्हें हड़ताल पर जाने की मजबूरी हो जाएगी। उनके अनुसार, पारा शिक्षक बार-बार हड़ताल करते हैं, तो उनका मानदेय कई गुना बढ़ा दिया जाता है। वहीं, शिक्षिकाएं हड़ताल नहीं करती हैं, तो उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। बता दें कि इनकी मांगों में पीएफ (भविष्य निधि) कटौती तथा बीमा योजना के लाभ भी शामिल हैं।


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