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जस्टिस एचसी मिश्र बोले, मुकदमों का बोझ कम कर रही स्थायी लोक अदालत

Jharkhand. स्थायी लोक अदालत की मजबूती के लिए राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जस्टिस अपरेश ने कहा कि यहां समय और पैसे दोनों की बचत होती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 07:54 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 07:54 PM (IST)
जस्टिस एचसी मिश्र बोले, मुकदमों का बोझ कम कर रही स्थायी लोक अदालत
जस्टिस एचसी मिश्र बोले, मुकदमों का बोझ कम कर रही स्थायी लोक अदालत

रांची, राज्य ब्यूरो। झालसा (राज्य विविध सेवा प्राधिकार) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एचसी मिश्र ने कहा है कि लोक अदालत और मध्यस्थता के सहारे अदालतों में लंबित मामलों को कम किया जा रहा है। स्थायी लोक अदालत के गठन का उद्देश्य भी यही हैं। इसमें सार्वजनिक सुविधाओं को लेकर हुए विवाद को आपसी सहमति से सुलझाया जाता है। इसमें न तो एक पक्ष की हार होती है और न ही दूसरे पक्ष की जीत।

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इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। वे स्थायी लोक अदालत की मजबूती को लेकर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। जस्टिस मिश्र ने कहा कि राज्य में स्थायी लोक अदालत सभी जिलों में कार्यरत है। उम्मीद है कि यहां अधिक से अधिक सार्वजनिक मामले आएंगे और लोगों को इसका लाभ मिलेगा। अलबत्ता इस मामले में हम चौथे पायदान पर हैं। हमसे आगे दिल्ली, हरियाणा और पंजाब है। इससे इतर भरोसा है कि अपने प्रयासों से हम पहले स्थान पर होंगे।

मौके पर जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने कहा कि जरूरतमंदों को न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है। काम के अलावा इस कार्य को सेवा भावना के साथ करना चाहिए, क्योंकि हमारे देश में लगभग सभी को कानूनी सहायता की जरूरत है। स्थायी लोक अदालत की अवधारणा यों तो 2002 की ही है, लेकिन कुछ वजह से इसे दो साल पहले सही तरीके से प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि इन अदालतों से निपटाए गए मामलों की दूसरी अदालतों में अपील नहीं होती है।

साथ ही हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बढ़ रहे मामलों के बोझ को कम करने में भी सहायता मिलती है। यहां पर विवाद को आपसी सहमति से तुरंत निपटाया जाता है। इससे दोनों पक्षों के समय और पैसे की बचत होती है। झालसा के सदस्य सचिव एके राय, संतोष कुमार, चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर, जेवीएनएल के अधिकारी, बैंक व बीमा के अधिकारी कार्यशाला में मौजूद रहे।


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