JPSC News: एक माह से JPSC अध्यक्ष पद खाली, अजीता समेत तीन नाम दौड़ में शामिल, सीएम के पास मामला पेंडिंग
JPSC News झारखंड लोक सेवा आयोग भी विचित्र है। हमेशा किसी न किसी कारणों से सुर्खियों में बना रहता है। इस बार यह अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा में है। एक माह से यहां अध्यक्ष पद खाली है। इस कारण प्रतियोगिता परीक्षाएं बाधित हो रही हैं। अभ्यर्थी परेशान हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Public Service Commission झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का पद एक माह से अधिक समय से रिक्त है। इस कारण जहां विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पा रही हैं, वहीं कुछ अन्य परीक्षाओं का परिणाम भी जारी नहीं हो पा रहा है। इससे अभ्यर्थी परेशान हैं। सबसे अधिक परेशान सहायक अभियंता नियुक्ति परीक्षा के अभ्यर्थी हैं। लंबे समय तक कोर्ट में लड़ाई लड़ने के बाद परिणाम जारी होने का समय आया तो उनका परिणाम सिर्फ इसलिए जारी नहीं हो पा रहा है, क्योंकि आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त है। अभ्यर्थी आयोग से लेकर कार्मिक विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।
अमिताभ चौधरी के रिटायर होने के बाद पद रिक्त
जिन पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं उनमें चिकित्सकों के महत्वपूर्ण पद भी शामिल हैं। अमिताभ चौधरी के पांच जुलाई को ही 62 वर्ष पूरा होने के बाद अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। इसके बाद न तो किसी सदस्य को प्रभार दिया गया और न ही अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकी। बताया जाता है कि नियुक्त पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेना है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद किसी सदस्य को प्रभार मिलेगा या अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति होगी।
अजीता भट्टाचार्य समेत तीन नाम दौड़ में शामिल
इधर, जेपीएससी की सदस्य अजीता भट्टाचार्य को ही अध्यक्ष का प्रभार देने की भी चर्चा है। अजीता भट्टाचार्य झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य की पत्नी हैं। वहीं, अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 31 जुलाई को ही सेवानिवृत्त हुए पदाधिकारी केके खंडेलवाल तथा दिलीप टोप्पो के नाम की चर्चा है। उधर, अपने करियर को लेकर चिंतित अभ्यर्थियों का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार जल्द से जल्द किसी को अध्यक्ष पद पर नियुक्त करे ताकि प्रतियोगी परीक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो सकें। अभ्यर्थी लंबे समय प्रतीक्षा करते करते निराश हो गए हैं।
राजभवन को देनी पड़ी थी बयान जारी कर सफाई
मालूम हाे कि अध्यक्ष पद को लेकर पिछले दिनों ऐसी अफवाह उड़ गई थी कि संचिका राजभवन में लंबित है। इसके बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थी राजभवन का दरवाजा खटखटाने लगे। अंतत: राजभवन की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि संचिका राजभवन में लंबित नहीं है। राज्यपाल के पास ऐसी कोई संचिका नहीं आई है। इसके बाद अभ्यर्थी आश्वस्त हुए कि मामला अभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्तर पर ही लंबित है।
मुख्य सचिव को एक साथ भेजे गए ढेर सारे मैसेज
इस बीच एक और घटना ये हुई कि मुख्यमंत्री एक समारोह में झारखंड के कुछ सफल छात्रों को सम्मानित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्य सचिव भी मौजूद थे। बड़ी संख्या में परेशान अभ्यर्थियों ने उनको वाटसएप मैसेज भेजकर आग्रह करना शुरू कर दिया। मोबाइल पर अचानक ढेर सारे मैसेज मिलने से मुख्य सचिव परेशान हो गए थे। हालांकि जब कुछ अभ्यर्थियों ने मुख्य सचिव को फोन कर जल्द से जल्द मामला निष्पादित कराने की मांग की तो उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में पहल करेगी। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद अबतक मुख्यमंत्री स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।