मनरेगा के माध्यम से दिसंबर महीने तक प्रतिदिन दस लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य : आलमगीर आलम
रांची ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस काल में मनरेगा के तहत मुहैया कराए जा रहे रोजगार के आंकड़ों को साझा किया है। उन्होंने कहा कि धान की रोपनी के बाद एक बार फिर से मनरेगा योजना में रिकॉर्ड मजदूर कार्यरत हैं। सरकार की कोशिश है कि आगामी दिसंबर माह तक प्रतिदिन लगभग दस लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जाए।
रांची : ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस काल में मनरेगा के तहत मुहैया कराए जा रहे रोजगार के आंकड़ों को साझा किया है। उन्होंने कहा कि धान की रोपनी के बाद एक बार फिर से मनरेगा योजना में रिकॉर्ड मजदूर कार्यरत हैं। सरकार की कोशिश है कि आगामी दिसंबर माह तक प्रतिदिन लगभग दस लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराया जाए। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड गठन के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब जून से लेकर सितंबर के बीच मिट्टी का काम बंद होने के बावजूद मनरेगा की विभिन्न योजनाओं के तहत 6.35 लाख श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान लाखों प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस लौट आए। इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से तीन नई योजनाएं शहीद पोटो खेल योजना, जल समृद्धि योजना व बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की गई। इन योजनाओं के माध्यम से प्रतिदिन छह लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल पा रहा है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साग-सब्जी उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए पोषण वाटिका योजना की शुरू की गई है। मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों के साथ समीक्षा भी बैठक की। उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ भी अलग से बैठक की। मंत्री ने नेताओं-कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक ले जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाएं। बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता छोटू और शशिभूषण राय भी उपस्थित थे।
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