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JMM Foundation Day: स्थापना दिवस पर मिशन 2024 के लिए एजेंडा तय, 1932 के खतियान पर झामुमो चलेगा राजनीतिक दांव

राजभवन से 1932 के खतियान पर आधारित विधेयक वापस होने के बावजूद सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मुद्दे पर और मजबूती से आगे बढ़ने की रणनीति तैयार की है। स्थापना दिवस पर इसे लेकर सहमति बनी कि खतियान आधारित स्थानीयता नीति पर दबाव और बढ़ाया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Thu, 02 Feb 2023 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 02 Feb 2023 09:55 PM (IST)
भाजपा से मुकाबले की पुख्ता रणनीति, सीएए और एनआरसी को सिरे से खारिज किया

दुमका, प्रदीप सिंह: राजभवन से 1932 के खतियान पर आधारित विधेयक वापस होने के बावजूद सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मुद्दे पर और मजबूती से आगे बढ़ने की रणनीति तैयार की है। दुमका में आयोजित मोर्चा के 44 वें स्थापना दिवस पर इसे लेकर सहमति बनी कि खतियान आधारित स्थानीयता नीति पर दबाव और बढ़ाया जाएगा।

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मोर्चे के निशाने पर होगी भाजपा

मोर्चा के निशाने पर भाजपा होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कह चुके हैं कि विधेयक फिर से राजभवन को भेजा जाएगा। मोर्चा के शीर्ष रणनीतिकारों की स्थापना दिवस समारोह के मौके पर हुई बैठक में भी यही एजेंडा हावी रहा। एक मायने में 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खतियान आधारित स्थानीयता नीति पर ही लकीर खींची जाएगी।

भाजपा की NRC और CAA लागू करने की मांग को ठुकराया

मोर्चा ने भाजपा द्वारा संताल परगना में एनआरसी लागू करने की मांग को भी सिरे से ठुकराते हुए कहा है कि सीएए और एनआरसी का राज्य में कोई औचित्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने संथाल परगना की डेमोग्राफी में बदलाव की मांग करते हुए एनआरसी लागू करने को मुद्दा बनाया है। इसके अलावा जमीन संबंधी कानून सीएनटी और एसपीटी एक्ट को और सख्ती से लागू करने पर भी सहमति बनी है।

राज्यपाल की आलोचना कर भाजपा को घेरने की रणनीति

राजभवन के रुख को लेकर भी पार्टी हमलावर होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के रुख की आलोचना करते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा किया है। मोर्चा की रणनीति है कि इसे आगे बढ़ाते हुए भाजपा से राजनीति के मैदान में मुकाबला किया जाए। निचले स्तर तक यह संदेश भेजा जाए कि स्थानीयता नीति लागू करने में भाजपा बाधक है। स्थापना दिवस के मौके पर पेश प्रस्ताव में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति घोषित करने की मांग सर्वसम्मति से की गई।

अंतिम दम तक स्थानीय नीति की लड़ाई

झामुमो के वरिष्ठ विधायक प्रो.स्टीफन मरांडी का दावा है कि केंद्र सरकार हेमंत सरकार का पांच खींच रही है। विकास का माहौल बनाने में अड़ंगा लगाया जा रहा है। कानूनी दांवपेंच में राज्य सरकार को फंसाया जा रहा है। सरकारी जांच एजेंसियों के जरिए डराया जा रहा है। झामुमो इससे घबराने वाला नहीं है।

झामुमो 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति बनाने के लिए संकल्पित है। केंद्र सरकार भले ही इसे दबाना चाहे, लेकिन इसके लिए झामुमो अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेगा। शिबू सोरेन के सपनों को हेमंत सोरेन साकार कर रहे हैं।


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