Agriculture Reform Bill: कृषि कानून का झामुमो व कांग्रेस ने किया विरोध, बोले- झारखंड में लागू नहीं होने देंगे
Jharkhand News झामुमो के महासचिव ने कहा कि चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी दमनकारी कार्य है। कांग्रेस नेता रामेश्वर उरांव ने कहा कि नए कानून से जमाखोरों और मुनाफाखोरों को लाभ होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र से पारित नए कृषि कानून का विरोध करते हुए इसे किसानों के लिए काला कानून बताया है। पार्टी में महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को बरियातू स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता में इस कानून का विरोध किया और घोषणा की कि राज्य में किसी भी कीमत पर इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा। इससे किसानों की किसानी मर जाएगी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ऐसा नहीं होने देगा।
पार्टी महासचिव ने कहा कि जिस राज्य में भाजपा का शासन है, वहां के किसान भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं। पूरे देश में इस काला कानून का विरोध हो रहा है। सब्जियां महंगी हो रही हैं। सरकार अपनी ही संस्थाओं को मारने पर तुली है। कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। केंद्र सरकार कृषि मंडियों को खत्म करना चाहती है।
दो दिन पूर्व नामकुम से फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भी केंद्रीय महासचिव ने केंद्र सरकार व उसकी जांच एजेंसियों को जमकर कोसा। कहा कि अब केंद्र सरकार दमनकारी नीति अपना रही है, जिसे राज्य झेल रहा है। भीमा कोरेगांव हिंसा भाजपा का सुनियोजित काम था। इस केस में जांच के नाम पर बुद्धिजीवियों को प्रताडि़त किया जा रहा है। केंद्र की इन नीतियों का झामुमो विरोध करेगी और उन्हें उनके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगी।
नए कानून से जमाखोरों और मुनाफाखोरों को लाभ : रामेश्वर उरांव
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह प्रदेश के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि केंद्र सरकार के स्तर से पारित कृषि से संबंधित तीनों कानूनों से पूरे देश में जमाखोरों और मुनाफाखोरों को लाभ मिलेगा। डा. उरांव शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उरांव के सरकारी आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य सरकार में शामिल कांग्रेस के चारों मंत्रियों के साथ-साथ पांचों कार्यकारी अध्यक्ष और तमाम सीनियर नेता मौजूद थे।
नेताओं ने इन कानूनों को भाजपा सरकार का काला कानून करार दिया। राज्य के कई कोनों से आए किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार ने तीन काले कानूनों को संसद से पारित कर देश के 62 करोड़ अन्नदाताओं व खेत खलिहानों पर सीधा हमला किया है ताकि अपने पूंजीपति मित्रों का हित साधने का काम कर सकें। इन कानूनों के माध्यम से जमींदारी प्रथा को पुन: बहाल करने एवं जमाखोरों व मुनाफाखोरों को बढ़ावा देने का काम किया गया है।
मोदी सरकार का यह प्रयास देश की हरित क्रांति पर हमला है। किसानों से एमएसपी छिन जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिये पूंजीपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। कांग्रेस यह अन्याय नहीं होने देगी। इसके पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने वक्ताओं का स्वागत किया और मंच संचालन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने किया। विषय प्रवेश अमूल्य नीरज खलको ने किया।
काले अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे ये कानून : आलमगीर
किसानों को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण व संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग देश के किसानों को अपनी ही जमीन पर मजदूर बनाए जानेवाला कदम है। इसे संसदीय इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।
किसानों को खून की आंसू रुला रहे : बन्ना गुप्ता
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार जमींदारी प्रथा को पुन: लागू करना चाहती है। वह किसानों को खून के आंसू रुलाने का काम कर रही है। कोरोना संकट के बीच दम तोड़ती अर्थव्यवस्था को सहारा देनेवाले व देश को सही मायने में आत्मनिर्भर बनानेवाले कृषि क्षेत्र को इन गलत नीतियों व काले कानूनों के कारण खासा नुकसान हुआ है।
कांग्रेस समझती है किसानों का दर्द : पत्रलेख
कृषि एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो किसानों के दर्द को समझती है। देश के कई राज्यों में कांग्रेस द्वारा सत्ता संभालते ही किसानों को राहत देने के लिए तत्काल कर्ज माफी की गई। झारखंड में भी हमलोगों ने इस कार्य को आरम्भ कर दिया है। कोरोना संकट के कारण इसमे विलंब जरूर हुआ है।
इन्होंने भी किया सभा को संबोधित
केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, संजयलाल पासवान, विधायक डा. इरफान अंसारी, अम्बा प्रसाद, ममता देवी, दीपिका पांडेय सिंह, राजेश कच्छप, जोनल कोऑर्डिनेटर भीम कुमार, रमा खलखो, प्रवक्ता शमशेर आलम, राजीव रंजन प्रसाद, आलोक दुबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डा. राजेश गुप्ता, अजयनाथ शाहदेव आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।