Jharkhand Weather: झारखंड में तेज आंधी और वर्षा ने दिलाई गर्मी से राहत, रांची समेत इन जिलों में अलर्ट जारी
झारखंड में दो दिन पहले तक राजधानी रांची का तापमान 40 के पार था। गुरुवार और शुक्रवार को तेज हवा के साथ हुई वर्षा ने 35.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया है। लोगों को जहां तपती गर्मी से राहत मिली है।
HighLights
- अचानक मौसम के मिजाज बदल गए।
- तेज आंधी व वर्षा ने तापमान गिराया।
- रांची समेत कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया।
जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड में दो दिन पहले तक राजधानी रांची का तापमान 40 के पार था। गुरुवार और शुक्रवार को तेज हवा के साथ हुई वर्षा ने 35.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया है।
लोगों को जहां तपती गर्मी से राहत मिली है, वहीं तेज आंधी तूफान के साथ हुई वर्षा ने नगर सरकार की परेशानी बढ़ा दी है।
यहां जगह-जगह गिरे पेड़ और इससे होने वाले नुकसान को पाटने में नगर निगम की टीम जुट गई है। दोपहर में करीब 1 बजे अचानक आई आंधी से पूर्व अंधेरा छा गया और तेज हवा बहने के साथ साथ मेघ गर्जन और वर्षा होने लगी।
रुक-रुककर हुई वर्षा के कारण मौसम सुहावना हो गया है। बता दें कि तेज आंधी के कारण हिनू, मेन राेड समेत धुर्वा इलाके में पेड़ की टहनियां सड़क किनारे खड़ी कार के ऊपर गिर गईं, जिससे वाहन चालकों को नुकसान हुआ।
साथ ही वर्षा के बाद सड़क जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा और ट्रैफिक व्यवस्था थोड़ी देर के लिए अस्त व्यस्त हो गई।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
वहीं मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने राजधानी समेत बोकारो, गिरिडीह, खूंटी, कोडरमा, रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां में भी मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया है। साथ ही 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज सतही हवा बहने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि पूरे राज्य में 30 मई तक आसमान में आंशिक बाछल छाए रहेंगे। 28 मई को उत्तर पश्चिमी हिस्सों में वर्षा की संभावना है।
बता दें कि उत्तर बिहार से उत्तर ओडिशा और झारखंड बिहार बंगाल तक एक टर्फ गुजर रहा है। जिस कारण मौसम में अचानक बदलाव आया है।
कहां कितना रहा तापमान
झारखंड के कई जिलों में गुरुवार को भी आंधी तूफान व वर्षा हुई थी। पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो सबसे अधिक वर्षा गिरिडीह के नानाडीह में 78.2 मिमी रिकार्ड की गई है। वहीं 81.4 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज सतही हवा हजारीबाग में बही है।
सबसे अधिक अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस डाल्टेनगंज का तो सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस चाईबासा का रिकार्ड किया गया है। राजधानी की बात करें तो अधिकतम 35.2 डिग्री जबकि न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
वहीं मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वरीय विज्ञानी अभिषेक आनंद ने आमजनों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम में पेड़ के नीचे, बिजली के पोल के नीचे, खेतों में जाने से बचें।
अगले पांच दिनों तक राज्य का मौसम
27 मई : राज्य के पश्चिमी तथा निकटवर्ती मध्य भागों में कहीं कहीं गर्जन के साथ हल्की वर्षा की संभावना, मेघ
गर्जन व वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट
28 मई : राज्य के उत्तर पश्चिमी भागों में कहीं-कहीं गर्जन व वज्रपात के साथ वर्षा की संभावना
29 मई : पूरे राज्य में आंशिक बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क बना रहेगा
30 मई : पूरे राज्य में आंशिक बादल के साथ गर्जन वाले बादल भी बन सकते हैं।
कुछ ऐसा रहेगा राजधानी का तापमान
27 मई : आंशिक बादल छाए रहेंगे, मेघ गर्जन के साथ वर्षा की संभावना, अधिकतम 38 डिग्री व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा तापमान
28 मई : आसमान साफ रहेगा और मौसम शुष्क बना रहेगा, अधिकतम 38 डिग्री व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा तापमान
29 मई : आसमान साफ रहेगा और मौसम शुष्क बना रहेगा, अधिकतम 39 डिग्री व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा तापमान
30 मई : आंशिक बादल के साथ गर्जन वाले बादल भी छाए रहेंगे, अधिकतम 40 डिग्री व न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रहेगा तापमान।
खरीफ फसलों की तैयारी में जुट जाएं किसान
बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने किसानों को खरीफ फसलों की खेती के लिए तैयारी शुरु कर देने की सलाह दी है।
बताया कि राज्य में मानसून के प्रवेश करने का एक पखवाड़ा ही समय बचा है। सही समय पर खरीफ खेती की तैयारी राज्य के किसानों के लिए बेहद उपयोगी एवं लाभप्रद होगी।
खेतों की तैयारी में जून माह में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई को प्राथमिकता के साथ पूरी कर लें। अंतिम जुताई से पहले खेतों में कंपोस्ट खाद डालकर अच्छी तरह मिट्टी में मिला दें। किसानों के लिए मिट्टी जांच के आधार पर अनुशंसित उर्वरकों की मात्रा का प्रयोग करना उचित होगा।
खेतों की मिट्टी अम्लीय प्रकृति का होने पर किसानों को मक्का, दलहनी एवं तेलहनी फसलों की खेती में अनुशंसित उर्वरकों के अलावे बुआई के समय 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से चूना का प्रयोग पंक्तियों में कर मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना चाहिए।
अच्छी उपज के ये हैं तरीके
- खेतों में समान रूप से अंकुरण नहीं होने पर खाली जगहों में दोबारा बीज की बुआई करें।
- एक जगह पर ज्यादा पौधे होने पर उखाड़ दें।
- बुआई के 15 दिनों के बाद खर-पतवार को नियंत्रित करें।
- खेत में रासायनिक खाद के साथ देशी या जैविक खाद का अवश्य व्यवहार करें।
- खेत की मिट्टी की अम्लीयता दूर करने के लिए बुआई से पहले चूना या डोलोमाइट 1.5 से 2.0 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से कुंड में प्रयोग करें।
- बुआई से पहले बीज का फफूंदनाशी दवा से उपचार अवश्य करें।
- दलहन एवं तेलहन फसल के बीज का बीजोपचार के बाद बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करने से बढ़िया लाभ होगा।