बाबूलाल मरांडी का पारा गरम, बोले- भाजपा बेईमानों की पार्टी
Babu Lal Marandi. झारखंड विकास मोर्चा के छह विधायकों के दलबदल कर भाजपा में शामिल होने के फैसले पर स्पीकर कोर्ट की मुहर को बाबूलाल मरांडी ने कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विकास मोर्चा ने भाजपा को बेईमानों की पार्टी कहा है। बीते दिन दलबदल पर आए स्पीकर कोर्ट के फैसले पर उन्होंने बरसते हुए कहा कि स्पीकर के फैसले को चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही अपने छह विधायकों के दलबदल कर भाजपा में शामिल होने के मामले को कोर्ट में चुनौती देंगे। बाबूलाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि विलय के फैसले को लेकर वे जनता की अदालत में भी जाएंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बेईमानों की पार्टी है।
दलबदल मामले में न्यायाधिकरण में स्पीकर दिनेश उरांव द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विलय को सही ठहराने के फैसले पर पूर्व सीएम व झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दो टूक कहा कि यह फैसला असंवैधानिक और 10वीं अनुसूची की मूल भावनाओं के खिलाफ है। भाजपा पूरे प्रदेश में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का हनन कर रही है। इस फैसले के माध्यम से उसने एक और बानगी पेश कर दी है।
भाजपा का दावा है कि अब झाविमो का अस्तित्व नहीं रहा के सवाल पर बाबूलाल ने कहा कि दावा और हकीकत दो अलग-अलग चीजें हैं। किसी के कहने से वर्षों से स्थापित पार्टी का अस्तित्व खत्म नहीं हो जाता। हम ऊपरी अदालत में जाएंगे, हमें न्याय मिलेगा। ऊपरी अदालतों ने ऐसे कई फैसले को निरस्त किया है। मुझे कोर्ट में पूरा भरोसा है। हरियाणा का ही मामला देख लें। वहां भी यही परिस्थिति थी। हम विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं।
फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए बाबूलाल ने कहा कि भाजपा और सरकार के दबाव में ही यह फैसला आया है। शुरू से ही भाजपा की नजर झाविमो पर रही है। पद और पैसा का प्रलोभन देकर उसने हमारे छह विधायकों को भाजपा में शामिल कराया। इनमें से दो मंत्री और तीन बोर्ड-निगमों के शीर्ष पद पर हैं। क्या भाजपा के पास योग्य विधायक नहीं थे। स्पष्ट है, खेल हुआ है।
झारखंड विकास मोर्चा ने दलबदल मामले में स्पीकर कोर्ट में स्पीकर दिनेश उरांव द्वारा भाजपा में झाविमो के विलय को सही ठहराने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि भाजपा अब चुनाव आयोग में जाकर अपनी ही किरकिरी को दावत दे रही है। यह फैसला अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है, इसे कोई न्यायालय जायज नहीं ठहरा सकता है। पार्टी ने आदेश पारित होने के दिन को लोकतंत्र के इतिहास में काला दिन बताया है।