जानें मंत्रीजी के कारनामे, खुद ही करवाते अतिक्रमण-हर सही काम में लगाते अड़ंगा Ranchi News
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह नगर विकास में सबसे बड़े बाधक बने हैं। उनके अड़ियल रवैये का आलम यह है कि पहले लालपुर में सब्जी मंडी लगवाई फिर रेलवे ने अतिक्रमण हटाया तो ठेले लगवा दिए।
रांची, राज्य ब्यूरो। यह अजीब संयोग है कि सूबे के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के कामकाज का तरीका नगर विकास में ही बाधा उत्पन्न करता है। राजधानी रांची का उदाहरण सबके सामने है जहां प्रशासन द्वारा नगर को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का वे खुला विरोध करते हैं। अतिक्रमण हटाओ अभियान का समर्थन करने की बजाय वे अतिक्रमणकारियों के साथ खड़े दिखते हैं।
राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार ने फ्लाइओवर आदि बनाने की योजना बनाई तो इन्हें यह भी नहीं भाया। ट्रांसपोर्ट नगर में भी इनका अडंग़ा जगजाहिर है। इनके कामकाज के तौर-तरीके से अधिकारी धर्मसंकट में पड़ जाते हैं लेकिन मंत्री के हस्तक्षेप के कारण चुप हो जाते हैं। जब इनके कामकाज के तौर-तरीके के बारे में मीडियाकर्मी पूछते हैं तो ये गुस्से में आ जाते हैं और पलटकर सवाल करने लगते हैं।
- सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह का अड़ियल रवैया, हर सही काम का करते हैं विरोध
- लालपुर सब्जी मंडी हटी तो फिर लगवाया, रेलवे ने अतिक्रमण हटाया तो फिर से लगवाए ठेले
- शहर में बनने वाले फ्लाइओवर का भी करते हैं विरोध, सवाल पूछने पर भड़क जाते हैं मीडिया पर
अतिक्रमण का खुलकर करते समर्थन
राजधानी में मामला फुटपाथ दुकानदारों के सड़क अतिक्रमण का हो या फिर ऑटो व ई-रिक्शा के अवैध परिचालन का। मंत्री के आगे नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस की एक नहीं चलती। कई बार मंत्री प्रत्यक्ष रूप से ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम के अधिकारियों को कार्रवाई करने पर लताड़ भी चुके हैं। लालपुर में सड़क के किनारे सब्जी मंडी लगती है। नगर निगम ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया।
अतिक्रमण हटने से यातायात व्यवस्था ठीक हुई लेकिन मंत्री को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने अतिक्रमण हटाने के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। नतीजा यह हुआ कि सब्जी बाजार शिफ्ट नहीं हुआ। इसके कारण रोड पर अक्सर जाम लगता है। अनियंत्रित आटो और ई-रिक्शा के कारण यातायात व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। इनके खिलाफ कार्रवाई का भी नगर विकास मंत्री सीपी सिंह विरोध करते हैं।
सफाई व्यवस्था फेल, ड्रेनेज अधूरा
2016 में रांची नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी आरएमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड (एस्सेल इंफ्रा) को दी। शहर के 53 वार्डों में कंपनी के माध्यम से सफाई व्यवस्था की जानी थी। जबकि यह कार्य 33 वार्डों में ही सिमट कर रह गई। नगर निगम क्षेत्र के नौ वार्डों में पिछले तीन वर्षों से सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का काम तीन वर्ष बाद भी अधूरा है। दो वर्ष की कार्य योजना को लेकर ठेकेदार मेसर्स ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को बार-बार समयावधि विस्तार दिया जा रहा है।
पूर्व नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कंपनी को डिबार भी कर दिया था। उसके बाद मार्च 2019 में नगर आयुक्त मनोज कुमार ने कंपनी को टर्मिनेट करने के लिए नगर विकास विभाग को पत्र भी लिखा था। फिर भी नगर विकास विभाग के सचिव ने कंपनी को 11 माह का कार्यावधि विस्तार दे दिया। इससे पूर्व मेयर आशा लकड़ा ने दिसंबर 2018 में ही कंपनी द्वारा किए गए कार्यों के भुगतान पर रोक लगा दी थी। नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि कंपनी को भुगतान किए गए मोबिलिटी फंड (20 करोड़) की कटौती करें। हालांकि अब नगर निगम के अधिकारी कंपनी को 70-80 करोड़ रुपये भुगतान करने की तैयारी कर रहे हैं।
फोरलेन फ्लाइओवर हुआ थ्री लेन
हरमू व रातू रोड फ्लाइओवर के डिजाइन को नगर विकास मंत्री के निर्देश पर फोर लेन से थ्री लेन कर दिया गया। आगामी 25 वर्षों की जनसंख्या व वाहनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने फोर लेन फ्लाइओवर की रूपरेखा तैयार की थी। लेकिन जब हरमू व रातू रोड के व्यवसायी जमीन अधिग्रहण का विरोध करने लगे तो मंत्री ने फोर लेन फ्लाइओवर के डिजाइन को थ्री लेन फ्लाइओवर में परिवर्तित करा दिया। मंत्री ने यह भी घोषणा कर दी कि स्मार्ट रोड व फ्लाइओवर निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।
नगर निगम के काम में हस्तक्षेप
नगर विकास मंत्री के निर्देश पर अब शहर के विकास से जुड़े सभी कार्य जुडको के माध्यम से कराए जा रहे हैं। रांची नगर निगम सिर्फ इन योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहा है। हज हाउस, रवींद्र भवन, स्मार्ट सिटी के आधारभूत संरचना, स्मार्ट रोड, कांटाटोली फ्लाइओवर अर्बन टावर, बिरसा स्मृति पार्क व रांची नगर निगम के नए भवन का निर्माण जुडको के माध्यम से कराए जा रहे हैं। रांची नगर निगम सड़क व नाली निर्माण तक ही सीमित रह गया है। नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में इस कदर कटौती की गई कि अब चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति भी संभव नहीं। कुल मिलाकर नगर निगम सफाई व टैक्स वसूलने वाली एजेंसी बनकर रह गई है।
इंफोर्समेंट टीम की जांच पर लगा रखी है रोक
नगर विकास मंत्री ने नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम की कार्रवाई पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगा दी है। मामला अवैध होर्डिंग्स का हो या फिर हॉस्टल, लॉज व बैंक्वेट हॉल की जांच का। बड़े व्यवसायियों के प्रतिष्ठान में प्लास्टिक कैरी बैग की भी जांच नहीं की जा रही है। कुछ माह पूर्व नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम ने मेन रोड के छह-सात व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर अवैध होर्डिंग्स लगाने के मामले में 13-14 लाख रुपये का जुर्माना किया था। इस कार्रवाई के बाद मंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप