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Jharkhand News: शिक्षकों व शिक्षा कर्मियों को अवकाश के लिए अब झारखंड में आनलाइन व्यवस्था

Jharkhand Teachers Holidays अब आनलाइन निर्धारित समय पर स्वीकृत होंगी शिक्षकों व कर्मियों की छुट्टियां। तय समय पर छुट्टी के आवेदनों पर कार्रवाई नहीं होने पर मानी जाएगी छुट्टी स्वीकृत। शिक्षा विभाग में शिक्षक से लेकर उपनिदेशक स्तर तक छुट्टियों के लिए समय से लेकर प्राधिकार तय।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 08 Sep 2022 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 08 Sep 2022 08:08 PM (IST)
Jharkhand News: शिक्षकों व शिक्षा कर्मियों को अवकाश के लिए अब झारखंड में आनलाइन व्यवस्था
Jharkhand Teachers Holidays: शिक्षकों और कर्मचारियों को अवकाश के लिए नहीं लगाना होगा कार्यालय का चक्कर।

रांची, राज्य ब्यूरो। सरकारी शिक्षकों एवं कर्मियों को अब छुट्टियों की स्वीकृति के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा। न ही उन्हें इसके लिए प्रधानाध्यापकों, बाबुओं और अफसराें की जी हुजूरी करनी होगी। आवेदन टेबलों पर लंबित भी नहीं रहेंगे। लेन-देन की भी कोई बात नहीं होगी। अब शिक्षकों, कर्मियों की छुट्टियां आनलाइन स्वीकृत होंगी, वह भी समय पर।स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी शिक्षकों, कर्मियों व पदाधिकारियों के लिए मानव संपदा पोर्टल (एचआरएमएस) पर आनलाइन छुट्टी प्रबंधन माड्यूल को अपनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभिन्न छुट्टी नियमों/सेवा शर्तों का पालन कराने के लिए वर्तमान में लागू छुट्टी प्रबंधन प्रणाली में व्याप्त कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करते हुए नई आनलाइन छुट्टी प्रबंधन प्रणाली अधिसूचित की गई है। इसके तहत न केवल छुट्टियाें की स्वीकृति के लिए प्राधिकार (जो पदाधिकारी छुट्टियां स्वीकृत करेंगे) तय कर दिया गया है बल्कि इसकी समय सीमा भी तय कर दी गई है। निर्धारित समय पर छुट्टी के आवेदनों पर कार्रवाई नहीं होने पर छुट्टी स्वीकृत मानी जाएगी।

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अब यह होगी नई व्यवस्था

  • यदि छुट्टी स्वीकृति प्राधिकार द्वारा कर्तव्य पर उपस्थित होने के बावजूद निर्धारित समय-सीमा के अंदर आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो छुट्टी आवेदन को स्वीकृत माना जाएगा।
  • छुट्टी स्वीकृति प्राधिकार के नियंत्री पदाधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित प्राधिकार नियमित रूप से छुट्टी आवेदनों पर कार्रवाई करे।
  • छुट्टी स्वीकृति प्राधिकार द्वारा लगातार तीन बार निर्धारित समय-सीमा के अंदर छुट्टी आवेदनों पर कोई पहल नहीं पर उसके विरुद्ध कार्रवाई हो सकेगी।
  • छुट्टी स्वीकृति प्राधिकार के अवकाश में रहने के कारण छुट्टी आवेदन पर निर्धारित अवधि में कोई कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में उक्त आवेदन को कार्रवाई हेतु वरीय अधिकारी को भेजा जाएगा। उसके कार्यों का वहन कर रहे प्रभारी पदाधिकारी को छुट्टी का आवेदन कार्रवाई हेतु निश्चित रूप से भेजा जाएगा।
  • छुट्टी स्वीकृति प्राधिकार के अवकाश में रहने की स्थिति में आवेदन को उसी दिन कार्रवाई हेतु संबंधित कार्यवाहक अधिकारी को भेजा जाएगा, जिस दिन आवेदन मिला हो।

किसे कौन प्रदान करेगा छुट्टी

  • प्रधानाध्यापक (माध्यमिक एवं प्लस टू) : आकस्मिक, क्षतिपूर्ति, निरोधा, विशेष आकस्मिक एवं मातृत्व छुट्टी तथा 30 दिनों तक अन्य छुट्टियों के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा 30 दिनों से अधिक छुट़़्टी के लिए क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक।
  • शिक्षक, प्रयोगशाला सहायक (माध्यमिक एवं प्लस टू) : आकस्मिक, क्षतिपूर्ति, निरोधा, विशेष आकस्मिक एवं मातृत्व छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक तथा अन्य के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी।
  • शिक्षक, मध्य एवं प्राथमिक विद्यालय : आकस्मिक, क्षतिपूर्ति, निरोधा, विशेष आकस्मिक एवं मातृत्व छुट्टी के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक, 60 दिनों तक की अवधि हेतु अन्य छुट्टी के लिए क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी तथा इससे अधिक समय के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक।
  • प्रभारी प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय : आकस्मिक, क्षतिपूर्ति, निरोधा, विशेष आकस्मिक एवं मातृत्व छुट्टी तथा, 60 दिनों तक की अवधि हेतु अन्य छुट्टी के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तथा इससे अधिक समय के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक।
  • नोट : इसी तरह कर्मियों व पदाधिकारियों के लिए भी प्राधिकार तय कर दिए गए हैं।

कब तक देनी होगी छुट़्टी

  • आकस्मिक, क्षतिपूर्ति, निरोधा, विशेष आकस्मिक छुट्टी : छुट्टी प्रारंभ होने की तिथि तक अथवा आवेदन देने के दो दिनों के भीतर, जो पहले हो।
  • उपार्जित, आधे वेतन पर छुट्टी, रूपांतरित, मातृत्व, पितृत्व : छुट्टी प्रारंभ होने के दो दिन पहले अथवा आवेदन देने के सात दिनों के भीतर, जो पहले हो।
  • असाधारण, अध्ययन, चिकित्सा, विशेष अशक्तता, अदेय छुट्टी : आवेदन सौंपने के सात दिनों के अंदर।

क्यों अपनानी पड़ी नई प्रणाली

अभी तक किसी शिक्षक या कर्मी द्वारा छुट्टी के आवेदन देने पर स्वीकृति देने या अस्वीकृत करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। न ही इसकी कोई निगरानी होती थी। इससे छुट्टी आवेदन की स्वीकृति या अस्वीकृति में विलंब होने से छुट्टी अवधि के वेतनादि भुगतान में बाधा उत्पन्न होती थी। इससे कई मामले न्यायालय में चले जाते थे।


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