झारखंड राज्य क्रिकेट संघ मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य संजय सिंह निलंबित
गढ़वा जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय कुमार सिंह व सचिव पंकज चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के नाम पर अवैध वसूली और गैर कानूनी क्रियाकलापों में संलिप्तता का आरोप है। आरोपों की जांच भी शुरू है।
रांची, (जागरण संवाददाता) : झारखंड राज्य क्रिकेट संघ मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य व गढ़वा जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संजय कुमार सिंह व सचिव पंकज चौधरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दोनों पर जेएससीए के नाम पर की जा रही अवैध वसूली व गैर कानूनी क्रियाकलापों के संबंध में साक्ष्य के साथ शिकायत मिली थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसोसिएशन ने जांच शुरू कर दी है।
झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के सचिव संजय सहाय ने बताया कि तत्काल प्रभाव से दोनों पर गढ़वा जिला क्रिकेट एसोसिएशन और झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित सभी क्रियाकलापों पर रोक लगा दी गई है। जांच समिति की रिपोर्ट और कमेटी आफ मैनेजमेंट के अंतिम निर्णय आने तक राघवेंद्र नारायण सिंह गढ़वा जिला क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यकारी सचिव के रूप में तत्काल प्रभाव में काम करेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह निर्णय मैनेजमेंट कमेटी की बैठक के बगैर ले लिया गया है। संजय सिंह स्वयं मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य रहे हैं और उन्हें भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें सचिव द्वारा शनिवार को ही अपने निलंबन की जानकारी मिल पाई है। बताते चलें कि झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के संविधान के अनुसार किसी भी पदाधिकारी या सदस्य को निलंबित करने का निर्णय मैनेजमेंट कमेटी में लिया जाता है।
संजय सिंह जेएससीए के शुरू से ही खासम खास रहे हैं। गढ़वा में जब जेएससीए स्टेडियम बनाने का निर्णय लिया गया और भूमि दिलाने में उनकी सहभागिता की जेएससीए ने प्रशंसा की थी। यहां तक की 19 नवंबर को जेएससीए स्टेडियम में आयोजित भारत-न्यूजीलैंड टी-20 मुकाबले में भी वे काफी सक्रिय रहे थे। फिर अचानक वे जेएससीए की आंखों की किरकिरी कैसे बन गए यह जांच का विषय है।
इधर, जेएससीए के कुछ सदस्यों में इस बात की भी चर्चा है कि अगर पैसे लेकर खिलाडिय़ों का चयन कराने का मामला है तो पूर्व में आशुतोष बोरा जिसे गुरग्राम हरियाणा की पुलिस ने गिरफ्तार किया है, खूंटी जिला में पुलिस जांच के बाद भी कार्रवाई क्यों नही हुई। जबकि इस मामले के पुख्ता दस्तावेज हैं। कुछ ऐसे ही मामलों को लेकर सिमडेगा, बोकारो, रामगढ़ और हाल में रांची और लातेहार जिले से संबद्ध एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ स्टिंग आपरेशन अखबारों की सुर्खियां बनीं थीं, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।