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Jharkhand News: अरबों रुपये हासिल करने के बाद भी चतरा में शुद्ध पानी पिलाने की योजना का काम लटका, अधिकारी कहते है...

Jharkhand News झारखंड के चतरा में वर्ष 2017 में ही श्रीराम पीकेसी कंपनी को निर्माण कार्य का ठेका दिया गया था। चार साल के बाद भी महज 30 प्रतिशत काम ही हुआ है। वहीं पीकेसी के नाम पर अरबों रुपये हासिल कर लिया है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Fri, 04 Mar 2022 10:11 AM (IST)Updated: Fri, 04 Mar 2022 10:12 AM (IST)
Jharkhand News: अरबों रुपये हासिल करने के बाद भी चतरा में शुद्ध पानी पिलाने की योजना का काम लटका

चतरा, जासं। Jharkhand News झारखंड में चतरा जिले के टंडवा प्रखंड के 76 गांवों को शुद्ध पानी पिलाने की योजना पर सुस्ती का ग्रहण लगा हुआ है। पिछले साढे चार साल के भीतर महज 30 प्रतिशत योजना निर्माण का काम ही पूरा हो पाया है। हालांकि ठेका कंपनी श्रीराम पीकेसी के नाम पर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल बतौर अग्रिम 1.40 अरब रुपये हासिल कर लिया है। गत नवंबर में दिशा की हुई बैठक में अग्रिम की 80 करोड़ रुपये वापस लेने का निर्णय लिया गया था। लेकिन तकनीकी कारणों से राशि वापस नहीं हो पाई।

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उपायुक्त अंजली यादव निर्माता कंपनी पर खासे नाराज

आपको बता दें कि इधर काम की प्रगति को देखते हुए उपायुक्त अंजली यादव निर्माता कंपनी पर खासे नाराज हैं। उपायुक्त स्वयं इस योजना की मानिटरिंग कर रही हैं। निर्माता कंपनी की शिथिलता को देखते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के विरुद्ध ठोस कार्रवाई हो सकती है। चूंकि योजना को 2021 के नवंबर तक पूरा कर देना था। लेकिन योजना का क्रियान्वयन धीमी गति से हो रही है। इस बीच छह महीना का अवधि विस्तार मिल चुका है। लेकिन उसके बाद भी प्रगति नहीं है।

2.33 अरब रुपये लागत आने का अनुमान

आपको ये भी बता दें कि योजना का निर्माण जिला खनिज विकास फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) से हो रहा है। जिस पर 2.33 अरब रुपये लागत आने का अनुमान है। 2017 में योजना निर्माण के लिए श्रीराम पीकेसी नामक ठेका कंपनी से करार हुआ। ठेका कंपनी जिस प्रकार से काम कर रहा है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले तीन-चार साल में निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाएगा।

नवबर 2021 तक ही पूरा करना था योजना

चतरा पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता राजमोहन सिंह का कहना है कि नवबर 2021 तक योजना पूरा करना था। लेकिन ठेका कंपनी ने नहीं किया। करीब 30 से 35 प्रतिशत काम हुआ है। छह महीना का समय विस्तार दिया गया है। ऐसी संभावना है कि अगले वर्ष अगस्त तक 25 से 30 प्रतिशत गांवों में जलापूर्ति शुरू हो जाएगी।


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