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Jharkhand: नियमित रहेंगे वर्ष 2017 में कालेजों में नियुक्त प्राचार्य, नई बहाली में पांच साल होगा कार्यकाल

Jharkhand News राज्य के कालेजों में वर्ष 2017 में नियुक्त प्राचार्य नियमित रूप से बने रहेंगे। कालेजों में जिस तरह शिक्षकों की नियुक्ति स्थायी होती है उसी तरह वर्ष 2017 में नियुक्त प्राचार्य भी अपने पद पर सेवानिवृत्ति अवधि तक कार्य करते रहेंगे। (फाइल फोटो- उच्च शिक्षा निदेशक गरिमा सिंह)

By Neeraj AmbasthaEdited By: Prateek JainPublished: Sat, 04 Feb 2023 10:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:56 PM (IST)
Jharkhand: नियमित रहेंगे वर्ष 2017 में कालेजों में नियुक्त प्राचार्य, नई बहाली में पांच साल होगा कार्यकाल
राज्य के कालेजों में वर्ष 2017 में नियुक्त प्राचार्य नियमित रूप से बने रहेंगे।

रांची, नीरज अम्बष्ठ: राज्य के कालेजों में वर्ष 2017 में नियुक्त प्राचार्य नियमित रूप से बने रहेंगे। कालेजों में जिस तरह शिक्षकों की नियुक्ति स्थायी होती है, उसी तरह वर्ष 2017 में नियुक्त प्राचार्य भी अपने पद पर सेवानिवृत्ति अवधि तक कार्य करते रहेंगे। लेकिन अब कालेजों में प्राचार्यों की होनेवाली नई बहाली पांच साल के लिए होगी। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने उच्च स्तरीय समीक्षा की अनुशंसा के आलोक में यह निर्णय लिया है। विभाग ने इसकी जानकारी सभी विश्वविद्यालयों को दे दी है।

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उच्च शिक्षा निदेशक गरिमा सिंह ने सभी विश्वविद्यालयों के कुल सचिवों को पत्र लिखकर इसे लागू करने को कहा है। उनके अनुसार, झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2017 में अनुशंसित प्राचार्यो की नियुक्ति विभाग द्वारा वर्ष 2013 में लागू परिनियम के आलोक में हुई थी, इसलिए उस समय नियुक्त प्राचार्यों की सेवा शर्तें इस परिनियम के तहत ही लागू होंगी।

अगस्‍त 2021 में अधिसूचित हुआ नया परिनियम

दरअसल, आयोग द्वारा वर्ष 2016 में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत कालेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2013 में लागू परिनियम के आलोक में विज्ञापन जारी किया गया था। उस परिनियम में प्राचार्यों के कार्यकाल का कहीं कोई उल्लेख नहीं था, इसलिए विज्ञापन में भी इसका जिक्र नहीं किया गया। इसी विज्ञापन के आधार पर प्राचार्यों की नियुक्ति वर्ष 2017 में हुई। छह अगस्त 2021 को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने यूजीसी रेगुलेशन, 2018 के आधार पर नया परिनियम अधिसूचित किया, जिसमें प्राचार्य के पद के की सेवा शर्तों को नियमित से बदलकर टेन्योर पोस्ट के रूप में बदल दिया गया।

इसमें प्राचार्यों का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित किया गया, जिसे अगले पांच वर्षों के लिए सिर्फ एक बार बढ़ाया जा सकता है। यह परिनियम ही वर्तमान में लागू है। उच्च स्तरीय समिति ने माना कि 6 अगस्त 2021 को अधिसूचित परिनियम अधिसूचना की तिथि से लागू होगा इसलिए इस तिथि के बाद प्राचार्य के पद पर नियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी। यह कार्यकाल इस परिनियम के अधिसूचित होने से पूर्व में नियुक्त प्राचार्यों पर लागू नहीं होगा।

उच्च शिक्षा निदेशक ने दिया स्‍प‍ष्‍टीकरण

इधर, उच्च शिक्षा निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में शिक्षकों एवं प्राचार्य के लिए सातवां वेतनमान एक जनवरी 2016 की तिथि से लागू किया गया है तथा इससे संबंधित आदेश सात फरवरी 2019 को जारी किया गया। इस आलोक में सभी शिक्षक एवं प्राचार्य सातवां वेतनमान से 6 अगस्त 2021 को लागू नए परिनियम के पूर्व से ही लाभान्वित हो रहे थे। इसलिए नए परिनियम के तहत एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने से संबंधित शर्त इनपर लागू नहीं होगी।

प्राचार्यों के कार्यकाल को लेकर था संशय, विश्वविद्यालय मांग रहा था मार्गदर्शन

नए परिनियम लागू होने के बाद प्राचार्यों के कार्यकाल को लेकर संशय था। इसके अलावा सातवां वेतनमान को लेकर एग्रीमेंट से संबंधित विषय को लेकर विश्वविद्यालय उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांग रहे थे।


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