Jharkhand Politics: दलबदल मामले में बाबूलाल और स्पीकर आमने-सामने... झारखंड हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश...
Jharkhand Politics झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में दोनों पक्षों ने बहस पूरी कर ली। झारखंड हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से लिखित पक्ष अदालत में जमा करने को कहा है। बाबूलाल की याचिका पर 13 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Politics झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में दल-बदल मामले में स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाने वाली भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की ओर से बुधवार को बहस पूरी कर ली गई। अदालत ने इस मामले में स्पीकर को लिखित पक्ष अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अभी बाबूलाल मरांडी की ओर से स्पीकर न्यायाधिकरण की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए दाखिल आइए (हस्तक्षेप) याचिका को रिकार्ड पर ले लिया। मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी की ओर से अधिवक्ता बिनोद कुमार साहू ने अदालत को बताया कि स्पीकर उनके मामले में पक्षपात कर रहे हैं। उन्होंने अपने गवाहों की सूची दी थी, लेकिन इस पर बिना विचार किए ही स्पीकर ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में जब तक इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तब तक विधानसभा स्पीकर के न्यायाधिकरण की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
इस पर अदालत ने स्पीकर की ओर से लिखित बहस आने के बाद आदेश पारित करने की बात कही। वहीं, स्पीकर की ओर से कहा गया कि इस मामले में स्पीकर ने अभी फैसला सुरक्षित रखा है। जब तक उनकी ओर से फैसला नहीं दिया जाता है, तब तक अदालत में याचिका दाखिल नहीं की जा सकती है। अदालत ने मामले में स्पीकर से लिखित पक्ष मांगा है।
अपराधियों को गिरफ्तार करे पुलिस
इधर बाबूलाल मरांडी ने रांची के मेन रोड में महावीर मंदिर में प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने पर कहा कि यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मंदिर के ठीक सामने गुरुद्वारा है। बगल में विशाल क्लब दुर्गा पूजा का आयोजन होता है।विगत 10 जून को ही इसी क्षेत्र में संकटमोचन मंदिर में दंगाइयों ने हमला किया था। शहर के इस व्यस्ततम इलाके में फिर से ऐसी घटना शहर के विधि-व्यवस्था की पोल खोलती है। इस क्षेत्र में कई बड़े व्यवसायिक संस्थान हैं, जिनके सीसीटीवी कैमरे की मदद से हमलावरों की पहचान की जा सकती है। पुलिस इस मामले में सक्रियता से छानबीन करे और जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करे।