25 रुपये सस्ता पेट्रोल पर बुरी तरह पिट गई हेमंत सोरेन सरकार... दावा, 25 लाख लोग लेंगे, 25 हजार भी नहीं ले रहे
Jharkhand Petrol Subsidy Scheme झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पेट्रोल सब्सिडी योजना में फिसड्डी साबित हुई है। 26 जनवरी 2022 को शुरू की गई योजना का लाभ सरकार ने 25 लाख लोगों को देने का दावा किया लेकिन 25 हजार लोग भी पेट्रोल सब्सिडी योजना का लाभ नहीं ले रहे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Petrol Subsidy Scheme झारखंड में पेट्रोल सब्सिडी योजना से एक बड़े वर्ग को जोड़ने और उसे महंगाई के दौर में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से निजात दिलाने की राज्य सरकार की तमाम कोशिशें परिणाम नहीं दिखा सकीं। अब एक बार फिर नए सिरे से पेट्रोल सब्सिडी लाभुकों को जोड़ने की कोशिश शुरू हुई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने हाल ही में विभागीय समीक्षा बैठक में इस संदर्भ में जिला आपूर्ति पदाधिकारियों को टास्क साैंपा है।
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने विभागीय अधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि वे बड़े-बड़े आंकड़ों की बात न करें। पहले सिर्फ उन लाभुकों को जोड़ें जो इस योजना का लाभ ले चुके हैं और अब नहीं ले रहे हैं। उन्होंने फिलहाल 1.15 लाख लाभुकों को तत्काल पेट्रोल सब्सिडी योजना का लाभ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। यह योजना जब लांच हुई थी तब पहले माह जनवरी में 1,15,197 लाभुकों ने इस योजना का लाभ लिया था। अगले माह से लाभुकों का आंकड़ा घटने लगा। फरवरी में यह आंकड़ा घटकर 55,223 पर आ गया। मौजूदा समय में 25 हजार लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं।
बता दें कि जब यह योजना लांच हुई थी जब कहा गया था कि राज्य के सभी राशनकार्ड धारी जो दो पहिया वाहन रखते हैं उन्हें राज्य सरकार प्रति लीटर 25 रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराएगी। प्रत्येक लाभुक के लिए हर माह अधिकतम दस लीटर के लिए यह सब्सिडी दी जाएगी। स्पष्ट है कि सरकार प्रति माह दो पहिया वाहन रखने वाले राशनकार्डधारियों को 250 रुपये सब्सिडी मद में उपलब्ध करा रही है। यह राशि सीधे लाभुक के खाते में जाती है।
जब यह योजना शुरू हुई थी तब यह दावा किया गया था कि राज्य के 20 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। लेकिन अब तक के आंकड़े निराश करने वाले हैं। यही वजह है कि अब वित्तमंत्री ने बड़ी-बड़ी बातों से इतर फिलहाल सिर्फ उन लाभुकों काे जोड़ने का निर्देश दिया है, जो इसका लाभ पूर्व में ले चुके हैं और अब नहीं ले रहे हैं। यहां यह भी बता दें कि इस योजना के तहत लाभुक को प्रत्येक माह विभागीय वेबसाइट या एप पर यह डिक्लरेशन देना होता है कि वह अपने वाहन का उपयोग कर रहा है। इस तकनीकी पेच के कारण लाभुक योजना से दूरी बना रहे हैं।