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Jharkhand Panchayat Chunav: झारखंड में पंचायत चुनाव से पहले नया बवंडर, आप भी जानिए...

Jharkhand Panchayat Chunav 2021 सरकारी आदेश के मुताबिक सिर्फ मुखिया ही नहीं जिप अध्यक्ष और पंचायत समिति प्रमुख को भी अपने कार्यकाल का पूरा‍ हिसाब तमाम ब्‍योरों के साथ सरकार को सौंपना होगा। हिसाब में कहीं कोई चूक हुई तो वे दोबारा पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 04:56 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 05:53 PM (IST)
Jharkhand Panchayat Chunav: झारखंड में पंचायत चुनाव से पहले नया बवंडर, आप भी जानिए...
Jharkhand Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव को लेकर सरकार के नए आदेश की चर्चा जोरों पर है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Panchayat Chunav 2021, Jharkhand Panchayat Election 2021 झारखंड में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। संभव है कि मई महीने में पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Chunav 2021) करा लिए जाएं। हालांकि इसके पहले नगर निकायों (Jharkhand Nagar Nikay Chunav 2021) का चुनाव भी कराया जाना है। इधर पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Election 2021) की तेज चर्चा के बीच पंचायतों से जुड़े पुराने आदेश-निर्देश की समीक्षा नए संदर्भों में शुरू हो गई है। नए निर्देशों के मुताबिक पंचायत (Gram Panchayat Chunav Jharkhand) के वर्तमान मुखिया जी (Mukhiya) को यदि दोबारा चुनाव लड़ना है तो उन्हें अपने पूरे कार्यकाल के खाता-बही का हिसाब-किताब सरकार (Jharkhand Government) को देना होगा। हिसाब में कहीं कोई चूक हुई तो वे दोबारा पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यह आदेश गत 30 दिसंबर का है लेकिन इसकी चर्चा ने अब जोर पकड़ा है। इस आदेश के मुताबिक सिर्फ मुखिया ही नहीं जिप अध्यक्ष और पंचायत समिति प्रमुख को भी अपने कार्यकाल का पूरा‍ हिसाब तमाम ब्‍योरों के साथ सरकार को सौंपना होगा।

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गौरतलब है कि राज्‍य में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल जनवरी महीने में ही समाप्त हो चुका है। कोविड-19 के कारण समय पर पंचायत चुनाव संभव नहीं हुआ और फिलहाल फौरी व्यवस्था के तहत कार्यकारी समिति के जरिये ही गांव की सरकार चलाई जा रही है। इस बीच झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के पंचायती राज विभाग ने कार्यकाल पूरा कर चुके पंचायत के मुखिया, जिप अध्यक्ष और पंचायत समिति प्रमुख को अपने-अपने कार्यकाल का विस्तृत लेखा-जोखा जमा करने का निर्देश दिया है।

इस बाबत सभी जिला के उपायुक्तों को पत्र जारी किया जा चुका है। सरकार के ताजा आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि चुनाव के पहले पूरे कार्यकाल के विकास कार्यों का लेखा-जोखा, बकाया और संबंधित जन प्रतिनिधियों के पास मौजूद सरकारी सामग्रियों को सरकार को वापस करना अनिवार्य है। आदेश के मुताबिक जिला परिषद से संबंधित अभिलेख उपायुक्त, पंचायत समिति से संबंधित अभिलेख जिला पंचायत राज पदाधिकारी और मुखिया से संबंधित अभिलेख प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास जमा कराना होगा।

इस आदेश के अनुपालन के लिए बकायदा एक फार्मेट भी जारी किया गया है। जन प्रतिनिधियों द्वारा ऐसा नहीं करने पर आगामी पंचायत चुनाव के वक्त अनिवार्य शपथ पत्र को अपूर्ण मानते हुए संबंधित अभ्यर्थियों और पदाधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं जन प्रतिनिधियों द्वारा सत्यापित कार्यों की जियो टैगिंग भी कराई जाएगी।


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