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झारखंड के ग्रामीणों को इमली, महुआ, पत्ते, लाह का नहीं मिलता है सही मूल्य, बिचौलिया कर रहा तीन-पांच

Jharkhand News झारखंड में कृषि उपज के अलावा इमली महुआ साल बीज पत्ते लाह करंज चिरौंजी सहित कई प्रकार के अन्य वनोत्पाद हैं जिसका उचित मूल्य ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है। इसका कारण बिचौलिया का तीन पांच करना है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarPublished: Fri, 07 Oct 2022 05:38 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 05:39 PM (IST)
झारखंड के ग्रामीणों को इमली, महुआ, पत्ते, लाह का नहीं मिलता है सही मूल्य, बिचौलिया कर रहा तीन-पांच
Jharkhand News: पलाश भवन सभागार में कार्यशाला का आयोजन।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ के सीईओ संजीव कुमार ने कहा है कि झारखंड में उपलब्ध सभी प्रमुख कृषि एवं वनोपज का डाटाबेस तैयार करना होगा। राज्य में कृषि उपज के अलावा इमली, महुआ, साल बीज, पत्ते, लाह, करंज, चिरौंजी सहित कई प्रकार के अन्य वनोत्पाद हैं, जिसका उचित मूल्य ग्रामीणों को नहीं मिल पाता। बिचौलिये इनसे कम दाम में खरीदकर इसे बाजार में अधिक मूल्य में बेच रहे हैं।

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ग्रामिणों को सही मुल्य दिलाने के लिए बनाना होगा सुदृढ़ व्यवस्था

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इन उत्पादों का सही मूल्य मिले, उनके जीवनस्तर में सुधार आ सके, इसके लिए सुदृढ़ व्यवस्था बनाकर कार्य करना है। संजीव कुमार आज वन परिसर स्थित पलाश भवन सभागार में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लि. की एकदिवसीय कार्यशाला में आये सभी जिलों के वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

समस्या की जानकारी एकत्रित कर, करना होगा समाधान

कार्यशाला में सभी जिलों के वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारियों से संस्थान द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी ली और कार्य में आ रही समस्याओं पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि हमें कृषि एवं वनोत्पाद का ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इसके लिए समस्या की जानकारी एकत्रित कर उनका समाधान करना है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वनोत्पाद की बहुलता है, लेकिन इसके स्टोरेज एवं प्रोसेसिंग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन कठिनाइयों को सूचीबद्ध कर इनके निराकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करना है।

संस्थान के कार्यों के बारे में कराया अवगत

कार्यशाला में आए विभिन्न जिलों के वन प्रमंडल पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारियों ने अपने जिले में संस्थान द्वारा संचालित कार्यों के बारे में अवगत कराया।


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