हेमंत सोरेन की सांसें अटकीं... रहेंगे कि जाएंगे, नहीं बता रहे राज्यपाल; अब चुनाव आयोग ने भी टरकाया...
Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद करने के मामले में राज्यपाल रमेश बैस की चुप्पी से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन गया है। अब भारत निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेन से कहा है कि राज्यपाल उन्हें पत्र दिखाने मंतव्य बताने को बाध्य नहीं हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद करने के मामले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए पत्र को मुख्यमंत्री को दिखाने को बाध्य नहीं हैं। चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके उस पत्र के जवाब के रूप में दी ही, जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री ने सदस्यता मामले में राज्यपाल को भेजे गए मंतव्य की प्रति उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। निर्वाचन आयोग का मानना है कि यह राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वे संबंधित पत्र को मुख्यमंत्री को उपलब्ध कराएं या नहीं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से भी मिलकर चुनाव आयोग का पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए कहा था कि पत्र को लेकर संशय की स्थिति होने के कारण राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बन गया है। तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर इसका फायदा उठाते हुए सरकार गिराने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया था।
इधर राज्यपाल रमेश बैस द्वारा चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए उक्त पत्र की प्रति उपलब्ध नहीं कराने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्वाचन आयोग से पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। बता दें कि हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम पर खनन पट्टा आवंटित करा लेने से जुड़े आफिस आफ प्राफिट मामले में राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था। आयोग ने 25 अगस्त काे ही अपना मंतव्य राज्यपाल को उपलब्ध करा दिया है। हालांकि राज्यपाल रमेश बैस ने अभी तक उसपर कोई निर्णय नहीं लिया है।
बन्ना गुप्ता जी, रिम्स की स्थिति ठीक नहीं, दें ध्यान : राज्यपाल
राज्यपाल रमेश बैस ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ के मौके पर ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समक्ष रिम्स को लेकर अपनी चिंता प्रकट की। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है। वे इसे देखें।राज्यपाल ने बन्ना गुप्ता को डा. बन्ना गुप्ता जी संबोधित करते हुए कहा कि रिम्स को लेकर अक्सर शिकायतें उनके पास आती रहती हैं। वर्तमान में रिम्स के डायरेक्टर छुट्टी पर हैं। आपरेशन वाले मरीज वेटिंग में चल रहे हैं। डाक्टर गायब रहते हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने भी कई बार रिम्स को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। कहा, जब हम जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाते हैं तो यह स्थिति ठीक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री रिम्स पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य मंत्री को डा. बन्ना गुप्ता कहकर संबोधित करते रहते हैं, क्योंकि जो जिम्मेदारी मरीजों को लेकर डाक्टरों की है वही जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्री के रूप में इनकी भी है। उन्होंने कार्यक्रम के बाद भी रिम्स के विषय पर मंत्री से बात की। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें रिम्स में सुधार का आश्वासन दिया।
बाद में मीडिया द्वारा राज्यपाल की टिप्पणी को लेकर पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि वे राज्यपाल की वेदना को समझते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय ने यह नहीं कहा कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य की खराब व्यवस्था है। उनकी चिंता रिम्स को लेकर है। उन्होंने कहा कि वे इसकी समीक्षा करेंगे और बढ़िया करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे राज्यपाल की टिप्पणी को भी पाजिटिव लेते हैं, क्योंकि उनका ध्यान रिम्स की ओर गया।
सभी के सहयोग से 2025 से पहले टीबी से मुक्त हो झारखंड : बैस
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि सभी के सहयोग से वर्ष 2025 से पहले भी झारखंड टीबी से मुक्त हो सकता है। ऐसा कर राज्य पूरे देश के लिए एक मिशाल पेश कर सकता है। राज्यपाल ने शुक्रवार को आड्रे हाउस में टीबी मुक्त भारत अभियान का झारखंड में शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त झारखंड बनाने के लिए केवल डाक्टरों व अस्पतालों के भरोसे रहने से काम नहीं चलेगा। हर वर्ग को इस अभियान से जोड़ना होगा। इससे पहले राज्यपाल तथा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ सितंबर को पूरे देश में इसका शुभारंभ किया था। उस कार्यक्रम में राज्यपाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।
राज्यपाल ने कारपोरेट, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं, राजनीतिक दलों, जन प्रतिनिधियों से नि-क्षय मित्र बनकर इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी के प्रयास से ही टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों को भी टीबी से ग्रसित बच्चों की पहचान कर उनके शीघ्र उपचार के लिए पूर्ण प्रयास करना चाहिए। साथ ही निजी शिक्षण संस्थान भी अपने यहां अध्ययनरत तथा आसपास टीबी से ग्रसित बच्चों को चिन्हित कर उनको शीघ्र स्वस्थ करने हेतु प्रयास करें।
राज्यपाल ने निजी अस्पताल एवं चिकित्सकों द्वारा अपने निजी क्लीनिक में भी टीबी के लक्षण वाले रोगियों का निश्शुल्क उपचार की दिशा में प्रयास करने हेतु कहा। इस अवसर पर लोकसभा सदस्य संजय सेठ ने तीन दिनों पहले कांके की एक पंचायत को गोद लेने तथा 146 टीबी मरीजों के पोषण की जानकारी दी। राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने भी इसमें पूरा सहयोग का आश्वासन दिया।
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन भारत ने इसे 2025 तक ही खत्म करने का संकल्प लिया है। प्रबुद्धजीवी व समाजसेवियों के अपेक्षित सहयोग से राज्य देश का पहला टीबी मुक्त राज्य बन सकता है। इस अवसर पर टीबी मरीजों के नि-क्षय पोषाहार वितरित किए गए तथा सभी लोगों को अपने जीवनकाल में टीबी को समाप्त करने की शपथ दिलाई गई।
कोविड व टीबी की एक साथ होगी जांच : बन्ना
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार एक साथ कोविड और टीबी दोनों की जांच कराने की दिशा में काम कर रही है। इससे एक पंथ दो काज होंगे। राज्य सरकार द्वारा सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।